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सिर्फ पंचायत नहीं बॉलीवुड की इन फिल्मों में दिखाए गए गांव जिन्हें आपने रियल समझा, वो नकली हैं

इतिहास गवाह है कि हिंदी फिल्मों में गांव की कहानियां खूब पंसद की गई हैं. चाहे फिल्म शोले का रामगढ़ हो या पंचायत का फुलेरा, दर्शकोंं ने इस सभी कहानियों पर खूब प्यार लुटाया है.. साथ ही फिल्म या सीरीज में दिखाए गए गांव को भी अपना माना.. लेकिन आपको ये बात पता होनी चाहिए कि ये गांव नकली हैं.

Panchayat 2 Panchayat 2

हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज़ में गांवों का एक खास रोल रहा है. पंचायत का दूसरा सीजन देखने के बाद तो इस बात पर मुहर भी लग गई है. गांव फुलेरा को जिस तरह से दिखाया गया है उसे देख कर कोई भी फुलेरा के नकली होने का शक नहीं करता है.  ये बात अब सबको पता चल चुकी है कि पंचायत की शूटिंग यूपी के बलिया जिले से कई सौ किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के गांव महोड़िया में हुई है. लेकिन फिल्म देख कर सबको यही लगा कि ये यूपी के बलिया जिले का फूलेरा गांव है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी फिल्मों के  फ़िल्मों और वेब सीरीज़ (Films And Web Series Village Fake Location) के बारे जानते हैं , जिनमें दिखाए गए गांवों की लोकेशन असल में नकली थी.

1- पंचायत सीज़न 1 और 2

ये सीरीज़ अभिषेक त्रिपाठी (जितेंद्र कुमार) की जिंदगी के इर्द- गिर्द घूमती है. अभिषेक त्रिपाठी (जितेंद्र कुमार) एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट हैं. अभिषेक त्रिपाठी फुलेरा गांव में पंचायत सेक्रेटरी बन  जाता है. इस सीरीज की खासियत ये है कि पूरी कहानी में सब कुछ बड़े ही सिंपल तरीके से दिखाया गया है ना कोई शोर- गुल ना कोई ड्रामा. फिल्म की कहानी यूपी के बलिया ज़िले के विकासखंड फकौली का एक गांव फुलेरा की कहानी दिखाई गई है. लेकिन इसकी शूटिंग  मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के गांव महोड़िया में हुई है. 

2- शोले

1975 में आई इस फिल्म की कहानी हो या डायलॉग सब कुछ आज भी लोगों की जुबान पर है. इस फिल्म की कहानी रामगढ़ की दिखाई है. लेकिन ये गांव भी फिक्शनल है. इसका नाम बेंगलुरु के गांव रामनगरम या रामनगर से लिया गया था. फिल्म शोले की टीम ने गांव का पूरा सेट तैयार किया था. 

3- स्वदेस

स्वदेस फिल्म की कहानी अपने ही देश में अपनी जड़ें ढूंढ रहे एक शख्स की कहानी है. फिल्म में  उत्तर प्रदेश का चरणपुर गांव दिखाया गया है, बता दें कि ये भी एक काल्पनिक गांव है, फिल्म की शूटिंग  मुंबई के वाई गांव में हुई है.

4- लगान

ऑस्कर के लिए 'बेस्ट फॉरेन फ़िल्म'  की कैटेगरी में नॉमिनेट हुई इस फिल्म में गांव चंपानेर' की कहानी दिखाई गई है. गांव चंपानोर के लोग अंग्रेजों के साथ क्रिकेट खेलते हैं, और अंग्रेजों को हराते भा है. इसके बाद शर्त के मुताबिक उस पूरी जगह पर शर्त के मुताबिक  टैक्स नहीं लगता है. इस फिल्म में दिखाया गया गांव  गुजरात के क़रीब बसा गांव कनुरा है. 

5- गुरु

मणिरत्नम  के डायरेक्टशन में बनी यह फिल्म बिज़नेसमैन धीरूबाई अंबानी की फ़िक्शनल बताती है. इस फिल्म में गुजरात के 'बादामी गांव' को दिखाया गया है. लेकिन इसकी शूटिंग गुजरात नहीं कर्नाटक में हुई है.

ये जगह घूमने फिरने के लिए भी काफी मशहूर है. हर साल यहां के मंदिरों में सैंकड़ों लोग दर्शन के लिए जाते हैं.