बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की गिनती इंडस्ट्री के सबसे बहुमुखी और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में होती है. समय-समय पर अपनी दमदार अदाकारी से उन्होंने खुद को साबित किया है. आज भले ही उनके पास कई फिल्मों के ऑफर हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब वो काम की तलाश में अंधेरी की सड़कों में भटका करते थे. गैंग्स ऑफ वासेपुर में सुल्तान, गुंजन सक्सेना में अनुप सक्सेना, मिर्जापुर में कालीन भैया या बात करें ओएमजी2 के कांति शरण मुद्गल की तो हर रोल में पंकज त्रिपाठी ने खुद को साबित किया है.
दो बार जन्मदिन मनाते हैं पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी अपने किरदार में जान डालने में कोई कसर नहीं छोड़ते और यही वजह है कि उनकी फैन फॉलोइंग लगातार बढ़ती जा रही है. हाल ही में पंकज त्रिपाठी को मिमी फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है. 5 सितंबर को वह अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं. हालांकि उनका जन्मदिन 28 सितंबर को होता है लेकिन पंकज शिक्षक दिवस यानी 5 सितंबर को भी अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करते हैं. पंकज त्रिपाठी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं लेकिन इस शोहरत को हासिल करने के लिए उन्होंने जितना संघर्ष किया है वो भी हर किसी के बस का नहीं है.
गोपालगंज के लाल का कमाल
पंकज त्रिपाठी का जन्म 28 सितम्बर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में हुआ था. बिहार के इस छोटे से गांव में जन्मे पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड में इस सफर तक पहुंचने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे ऐसे गांव में पले बढ़े हैं जहां एक समय में बिजली नहीं थी. अंधेरे में मोमबत्तियों का ही सहारा था. बचपन में वे सरकारी नौकरी करने का सपना देखते थे क्योंकि उस वक्त ये बहुत बड़ी बात होती थी लेकिन नाटकों में भी उनकी दिलचस्पी पूरी थी. गांव में त्योहारों के मौके पर होने वाले नाटकों में वो कभी लड़की का रोल करते तो कभी बड़े अफसर का.
खर्च चलाने के लिए किया होटल में काम
12वीं के बाद पंकज होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने पटना चले गए. जब वह पटना में पढ़ते थे तब उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ज्वाइन की थी. इसी दौरान किसी कारण उन्हें जेल हुई थी. उस वक्त क्रिसमस की छुट्टी आसपास थी इसलिए एक सप्ताह तक रहना पड़ा था. कॉलेज के दिनों में भी पंकज प्ले का हिस्सा रहा करते थे. आगे की पढ़ाई के लिए पंकज दिल्ली आए. इसी दौरान खर्चा चलाने के लिए वह एक होटल में कुक का काम करने लगे. इसके बाद एक्टिंग में दिलचस्पी की वजह से उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में एडमिशन लिया. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे मुंबई चले आए.
2004 में कर ली थी शादी
आपको जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड में करियर बनाने से पहले ही पंकज त्रिपाठी ने शादी (2004) कर ली थी. उनकी पत्नी का नाम मृदुला है. मृदुला को पंकज ने एक शादी के फंक्शन में देखा था जहां उन्हें पहली नजर का प्यार हो गया था. हैरानी की बात तो ये है कि उस समय पंकज सिर्फ 10वीं क्लास में थे. संघर्ष के दिनों में मृदुला ही पंकज त्रिपाठी की सबसे बड़ी सपोटर थीं. वो घर के किराए से लेकर अन्य बेसिक जरूरतों का सारा खर्च उठाती थीं.
हर बड़े एक्टर के साथ कर चुके हैं काम
लंबे स्ट्रगल के बाद पंकज को साल 2004 में टाटा टी के एड में नेता बनने का रोल मिला. 2004 में आई 'रन' में छोटा सा किरदार निभाने के बाद वह कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल में नजर आए. उनकी किस्मत चमकी 2012 में आई अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से. आज पंकज के पास फिल्मों की लाइन है और डेट न होने की वजह से वो कई फिल्मों को मना भी कर चुके हैं. उन्होंने हर बड़े एक्टर के साथ स्क्रीन शेयर किया है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ओएमजी 2 में उनके रोल की काफी तारीफ हुई थी. पंकज मिर्जापुर सेक्रेड गेम्स, क्रिमिनल जस्टिस में भी अहम किरदारों में दिखे हैं.