अपने समय की सबसे ग्लैमरस अभिनेत्रियों में से एक परवीन बाबी (Parveen babi) जब स्क्रीन पर आती थी जो लोगों की निगाहें उन पर टिक जाती थी. परवीन बाबी की स्क्रीन प्रेजेंस, स्टाइल की समझ ने हिंदी फिल्म हीरोइन की छवि को पूरी तरह से बदल दिया. परवीन बाबी ने साल 1973 में फिल्म चरित्रीरा से बॉलीवुड में डेब्यू किया. सिनेमा की दुनिया में अपने सफर के दौरान उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर कई हिट फिल्में दीं. परवीन अपनी प्रोफेशनल लाइफ में जितनी सफल थीं पर्सनल लाइफ में उतनी ही फ्लॉप रहीं. वो पूरी जिंदगी प्यार के लिए तरसती रहीं.
परवीन बाबी ने बड़े आत्मविश्वास के साथ हिंदी फिल्मों में कदम रखा. वह हिंदी फिल्म नायिका की छवि बदलने में सफल रहीं. उनकी तुलना अक्सर जीनत अमान से की जाती थी. वह अपने दौर की सबसे ग्लैमरस अभिनेत्रियों में से एक थीं और वो अन्य एक्ट्रेसेज के मुकाबले फिल्म के लिए ज्यादा फीस लेती थीं. परवीन बाबी डायबीटीज से पीड़ित थीं और उन्हें paranoid schizophrenia नाम की बीमारी हुई थी. ब्रेकअप के बाद उनकी बीमारी और ट्रिगर कर गई कि इंडस्ट्री के लोगों ने भी उनसे दूरी बना ली. जीवन के आखिरी समय में वो बहुत अकेली थीं. परवीन बाबी की 20 जनवरी 2005 में मौत हो गई. तब वह 50 साल की थीं.
किस फिल्ममेकर की पड़ी नजर
परवीन बाबी का जन्म 4 अप्रैल 1954 को जूनागढ़, गुजरात में मोहम्मद खान के घर हुआ था. ये पश्तून के बाबी ट्राइब से थे, जो जूनागढ़ के नवाबों के खानदान से ताल्लुक रखते थे. परवीन का जन्म उनके माता-पिता की शादी के 14 साल बाद हुआ. परवीन जब 5 साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया. अहमदाबाद से पढ़ाई पूरी करने के बाद परवीन ने मॉडलिंग शुरू की. कॉलेज के दिनों से ही बोल्ड परवीन सिगरेट पिया करती थीं. एक दिन कश लगाती हुईं परवीन पर फिल्ममेकर बीआर इशारा की नजर पड़ी और उन्होंने परवीन को हीरोइन बनाने की ठान ली.
एक दिन अचानक गायब हो गईं परवीन
साल 1983 में परवीन एक फिल्म की शूटिंग करते हुए अचानक सेट से गायब हो गईं. परवीन कहां गईं, किससे मिलने गईं इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी. खबर आई कि परवीन पर अंडरवर्ल्ड के लोगों की नजर थी, जिन्होंने उन्हें गायब कर दिया. उनकी कई फिल्में उनकी नामौजूदगी में ही रिलीज हो गईं. 6 साल बाद परवीन ने मुंबई वापस आकर सफाई दी कि उन्होंने अध्यात्म के लिए इंडस्ट्री छोड़ी थी.
इन लोगों से रहा अफेयर
परवीन बाबी का इंडस्ट्री में डैनी डेनजोंगपा, कबीर बेदी और महेश भट्ट के साथ अफेयर रहा. डैनी संग उनका रिश्ता करीब 4 साल तक चला. परवीन कबीर बेदी के साथ भी रिलेशन में रहीं, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चला. कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद परवीन की मुलाकात महेश भट्ट से हुई. महेश भट्ट पहले से शादीशुदा थे. महेश उस समय इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे, जबकि परवीन बाबी इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम थीं. परवीन बाबी और महेश भट्ट की नजदीकियों के चलते महेश की शादीशुदा जिंदगी में दिक्कतें आने लगीं, लेकिन फिर भी उन्होंने परवीन को तवज्जो दी.महेश भट्ट के साथ उनका रिलेशन सीरियस वाला था. उनके निधन के बाद, महेश भट्ट ने साल 2006 में फिल्म 'वो लम्हें' का निर्देशन किया, जो परवीन के साथ उनके रिश्ते पर आधारित फिल्म थी.
अमिताभ बच्चन को मानती थीं दुश्मन
साल 1988 में एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी लेकिन परवीन ने अचानक शूटिंग रुकवा दी. उन्होंने जान के खतरे के डर से सेट पर लगे झूमर के नीचे खड़े होने से इनकार कर दिया. परवीन ने को-स्टार अमिताभ बच्चन पर आरोप लगाया कि वो उनके ऊपर झूमर गिराकर जान लेना चाहते हैं. परवीन के ये संगीन आरोप सुनकर हर कोई हैरान था, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति किसी से छिपी नहीं थी. शूटिंग रुक गई और परवीन घर चली गईं.
उनकी स्वास्थ्य समस्याएं
कम ही लोग जानते हैं कि 80 के दशक की शुरुआत में, परवीन को सिज़ोफ्रेनिया का पता चला था, जिसे एक मेंटल डिसऑर्डर कहा जाता है. इस बीमारी में लोगों को अक्सर सोचने, समझने की समस्या होती है. कहा जाता है कि इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक अनुभव भी होता है. ऐसा माना जाता है कि ये सभी स्वास्थ्य समस्याएं उनके असफल रिश्तों के बाद उत्पन्न हुईं. परवीन की मृत्यु के सालों बाद, महेश भट्ट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह उनकी बीमारी के कोई लक्षण नहीं देख पाए थे. उन्होंने कहा, "मैं उसकी दिल दहला देने वाली छवि को कभी कैसे भूल सकता हूं, जब मैं उस शाम घर में गया, और परवीन को मेकअप और फिल्मी पोशाक में, हाथ में चाकू लेकर, एक कोने में दुबकी हुई, कांप रही थी. वह एक जानवर की तरह लग रही थी, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था. 'दरवाजा बंद करो महेश,' उसने फुसफुसाया. 'वे हमें मारने आ रहे हैं. जल्दी से दरवाजा बंद करो!''
आखिरी समय में बिल्कुल अकेले थीं
परवीन बाबी के घर के बाहर जब सिक्योरिटी गार्ड ने देखा कि काफी दिनों से दूध के पैकेट इकट्ठा हैं तो उसे शक हुआ. उसने पुलिस को फोन कर दिया. पुलिस आई और दरवाजा पीटा लेकिन कोई हरकत नहीं हुई तो पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया.परवीन बाबी की बॉडी बिस्तर पर पड़ी थी. उनकी मौत तीन दिन पहले हो चुकी थी. परवीन बाबी के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उनकी मौत हो गई.