scorecardresearch

Birthday Special: बीआर चोपड़ा की पहली फिल्म हो गई थी फ्लॉप...अफसाना से मिली सफलता, फिर महाभारत बनाकर रच दिया इतिहास 

Happy Birthday BR Chopra: महान निर्माता-निर्देशक बीआर चोपड़ा ने एक से बढ़कर एक फिल्में बनाईं. इसके अलावा उन्होंने टीवी शो महाभारत बनाकर इतिहास रच दिया. उन्हें 1998 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

BR Chopra (file photo) BR Chopra (file photo)
हाइलाइट्स
  • बलदेव राज चोपड़ा का जन्म 22 अप्रैल 1914 को हुआ था

  • करियर बतौर फिल्म जर्नलिस्ट से किया था शुरू 

बॉलीवुड के महान निर्माता-निर्देशकों में बलदेव राज चोपड़ा (BR Chopra) का नाम शामिल है. उन्होंने वैसे तो कई सफल फिल्मों का निर्देशन किया लेकिन टीवी शो महाभारत बनाकर इतिहास रच दिया. 22 अप्रैल 1914 को जन्मे इस महान निर्माता-निर्देशक के बारे में आइए जानते हैं.

बीआर चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई पाकिस्तान की लुधियाना यूनिवर्सिटी से ही की. उन्होंने अंग्रेजी में एमए की डिग्री ली. शुरुआत में बीआर चोपड़ा ने अपने करियर बतौर फिल्म जर्नलिस्ट शुरू किया था. 1947 में ही भारत और पाकिस्तान के विभाजन के वक्त पाकिस्तान के लुधियाना से पहले दिल्ली आए फिर वहां से मुंबई जाकर अपने सपनो को मकाम देने में लग गए.

1948 में फिल्मी सफर किया शुरू
मुंबई में 1948 में बीआर चोपड़ा ने फिल्मी सफर की शुरुआत की. उनकी पहली फिल्म करवट बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई. उनकी पहली हिट फिल्म अफसाना 1951 में रिलीज हुई. इसमें अशोक कुमार ने डबल रोल किया था. इसके बाद उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस बीआर फिल्म्स की शुरुआत की. उन्होंने कई सफल फिल्मों का निर्देशन किया. नया दौर, हमराज, कानून, पति पत्नी और वो, निकाह, छोटी सी बात, द बर्निंग ट्रेन, बागबान, बाबुल आदि उनकी सफल फिल्मों में शामिल हैं. सिनेमा जगत में आशा भोसले की एंट्री का क्रेडिट बीआर चोपड़ा को जाता है. फिल्म नया दौर में के गाने उड़े जब-जब जुल्फें तेरी...में पहली बार आशा ने अपनी आवाज दी थी.

जब विदेशी फिल्ममेकर ने उड़ाया था मजाक
बीआर चोपड़ा जब करियर के शिखर पर थे, तब उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने बॉलीवुड में उनकी अलग छवी बना दी थी. एक विदेशी फिल्ममेकर ने बीआर चोपड़ा के सामने बॉलीवुड का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि तुम हिंदी सिनेमा वाले सिनेमा के नाम पर सिर्फ नाच गाना दिखाते हो. अगर तुम्हारी फिल्मों में गाने नहीं हों तो कौन तुम्हारी फिल्मों को देखेगा. बीआर चोपड़ा ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया और उन्होंने 'कानून' नाम की एक कोर्टरूम ड्रामा फिल्म बना डाली. इस फिल्म की खासियत यही थी कि फिल्म में एक भी गाना नहीं था और ये ब्लॉकबस्टर हिट रही थी. 

महाभारत को देखने के लिए लोग टाल देते थे अपना सारा काम 
बीआर चोपड़ा ने 1980 के दशक में महाभारत के रूप में ऐसी कृति रच दी कि हर कोई उनका कायल हो गया. उस समय 9 करोड़ रुपए में महाभारत बनी थी. महाभारत में चोपड़ा में द्रोपदी के रोल में जूही चावला को कास्ट करना चाहते थे लेकिन बिजी शेड्यूल की वजह से उन्होंने मना कर दिया था. बाद में रूपा गांगूली ने इस रोल को निभाया. कहा जाता है कि 1980 के दशक के अंत में जब रविवार को सुबह 10 बजे दूरदर्शन पर महाभारत का प्रसारण होता था तो देशभर में जिंदगी थम सी जाती थी. इसे देखने के लिए सारे काम एक घंटे के लिए टाल दिए जाते थे. 94 एपिसोड का महाभारत लगभग दो साल तक टीवी पर प्रसारित होता रहा. इसके बाद भी न जाने कितनी बार इसे टीवी पर प्रसारित किया जा चुका है. 

बीआर चोपड़ा को 1998 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' से सम्मानित किया गया. इसके अलावा 1960 में प्रदर्शित फ़िल्म 'क़ानून' के लिए वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे. 94 साल की उम्र में 5 नवंबर 2008 को बीआर चोपड़ा का देहांत हो गया.