ओम राउत की अपकमिंग फिल्म आदिपुरुष को काफी तीखी आलोचना मिल रही है. खासतौर पर रावण के रोल में सैफ अली खान काफी ट्रोल हो रहे हैं. उनके लुक को लेकर सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जा रहा है. आदिपुरुष रामायण से प्रेरित एक फिल्म है. प्रभास फिल्म में प्रभु श्रीराम की भूमिका निभा रहे हैं. वहीं सैफ अली खान फिल्म में रावण की भूमिका निभा रहे है.
रावण से महान कोई शिव भक्त नहीं
पुनीत इस्सर बीआर चोपड़ा की महाभारत में दुर्योधन का कैरेक्टर प्ले कर चुके हैं. आदिपुरुष में कैरेक्टर्स के लुक पर छिड़े विवाद पर पुनीत ने भी अपने विचार साझा किए हैं. उन्होंने कहा एक फिल्ममेकर क्रिएटिव लिब्रर्टी के नाम पर हमारे इतिहास का खंडन नहीं कर सकता है. एक रावण, जो चार वेदों और छह शास्त्रों का ज्ञाता था, उससे बड़ा महान शिव भक्त कोई हुआ ही नहीं. अगर उसके माथे में तिलक नहीं लगा हो, तो वो रावण कैसे हो गया. आप इतनी लिबर्टी तो नहीं ले सकते हैं. मैं उन्हीं मेकर्स से पूछना चाहूंगा कि क्या उनमें क्षमता है कि वो सिख गुरूओं को बिना मुंछ के दिखा सकते हैं? या जीसस क्राइस्ट को क्लीन शेव का दिखा सकते हैं? तो फिर रावण के साथ ऐसा क्यों हुआ है.
फिल्म के टीजर में रावण का लुक अलाउद्दीन खिलजी की तरह
वो तो बिलकुल अलाउद्दीन खिलजी और तैमूर की तरह लग रहा है. मैं तो कहूंगा कि जनता को जो आक्रोश है, वो कहीं से भी गलत नहीं है. मेकर्स को थोड़ा इन सब चीजों का ध्यान रखना चाहिए. टीजर में भगवान राम को मूंछ दे रहे हैं, लेकिन रावण के बाल कटे हुए, स्पाइक्स लुक दे रहे हैं. वो तो बिल्कुल तालिबानी लग रहा है. आप रावण को तालिबानी क्यों बना रहे हैं.
भगवान राम को लेकर लोगों के मन में श्रद्धा है
पुनीत आगे कहते हैं, देखिए मैं कोई कट्टरवादी बात नहीं कर रहा हूं. मुझे जो दिख रहा है, वो सही नहीं है. देखिए फिल्म अभी तक आई नहीं है लेकिन टीजर में जो दिख रहा है, वो मुझे कहीं से भी सही नहीं लग रहा है. कुछ दिन पहले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेबसीरीज आई थी, जिसे कुणाल कोहली ने डायरेक्ट की थी, वो नहीं चली. भगवान राम को आपने लोगों के कपड़े पहनाए हैं. ऐसा क्यों करते हैं भाई. देखिए लोगों के मन मस्तिष्क में राम बसे हुए हैं, उनको लेकर श्रद्धा है. आप ऐसा करेंगे, तो इसका गुस्सा तो जाहिर निकलेगा ही.
हमारे देश में दिक्कत यही है कि हम बाकी कौम की मजहब के खिलाफ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके गुस्से को आप बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. क्योंकि आप डरते हैं, तो क्या हिंदू जो है, वो मंदिर का घंटा है, जिसे कोई आकर बजाकर चला जाए. ये नहीं होना चाहिए था.