मशहूर हरियाणवी डांसर और सिंगर सपना चौधरी 2018 में किए गए एक अनुबंध के उल्लंघन के कारण कानूनी मुसीबत में फंस गईं है. सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. सूत्रों के अनुसार, बिग बॉस की पूर्व प्रतियोगी सपना को साल 2018 में एक कार्यक्रम में परफॉर्म करना था, जिसके लिए उन्हें आयोजकों ने पहले से पेमेंट (पैसे दे दिए थे) भी कर दिया था. लेकिन अब आयोजकों ने मामले को अदालत में घसीटा है और अब उन्हें लखनऊ की एसीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा.
क्या है घटना?
घटना 13 अक्टूबर 2018 की है. यह पहली बार नहीं है जब सपना पर धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप लगाया गया है. ये कार्यक्रम स्मृति उपवन में दोपहर 3 बजे से 10 बजे तक आयोजित होने वाला था. सपना चौधरी के डांस शो सहित अन्य कार्यक्रम भी शामिल थे, जिसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट 300 रुपये प्रति व्यक्ति बेचे गए थे.
कार्यक्रम में नहीं पहुंची थी सपना
इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे, लेकिन सपना चौधरी रात 10 बजे तक नहीं पहुंचीं जिससे दर्शकों ने हंगामा किया. टिकट लेने वालों के पैसे भी नहीं लौटाए गए. 4 सितंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले में सपना चौधरी की डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दी थी. अब सपना समेत अन्य सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई होनी है.
पहले भी दर्ज हुई थी FIR
इससे पहले फरवरी 2021 में, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सपना चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया था. सपना का प्रबंधन करने वाली एक सेलिब्रिटी प्रबंधन कंपनी ने सपना, उनकी मां और भाई सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी के लिए शिकायत दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया गया था.
एफआईआर में कहा गया कि गायिका ने एक आर्टिस्ट मैनेजमेंट एग्रीमेंट तोड़ा, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि वह किसी अन्य कंपनी के साथ काम नहीं करेंगी, न ही किसी अन्य कंपनी में शामिल होगी और न ही किसी शिकायतकर्ता के क्लाइंट के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क करेगी. प्राथमिकी में कहा गया है कि सपना ने समझौते का उल्लंघन किया और अनुबंध की शर्तों के खिलाफ बिजनेस एक्टिवीटीज कीं.