दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सतीश कौशिक उन दिग्गज अभिनेताओं में से एक थे जिन्होंने अपने अभिनय के साथ-साथ निर्देशन से भी सालों तक लाखों लोगों के दिलों पर राज किया. बेहद अनुभवी अभिनेता जिनका मार्च 2023 में निधन हो गया.उनकी अचानक हुई इस मौत से इंडस्ट्री और उनके फैंस को बेहद धक्का पहुंचा.आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जानेंगे उनके जुड़े दिलचस्प किस्से.
थिएटर में भी किया काम
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1967 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था.बचपन से ही सतीश को फिल्में देखने का काफी शौक था और महमूद उनके फेवरेट एक्टर थे. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और FTII से पढ़ाई की. इसके बाद अपने फिल्मी सपने को सच करने के लिए मायानगरी मुंबई का रुख किया और यहीं से उनका बॉलीवुड स्ट्रगल शुरू हुआ. सिल्वर स्क्रीन पर अपनी किस्मत आजमाने से पहले सतीश कौशिक ने कई सालों तक थिएटर किया. उनका अब तक का सबसे यादगार नाटक 'सेल्समैन रामलाल' है. इसके अलावा उन्होंने फिल्म 'मासूम'(1983) में निर्देशक शेखर कपूर के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया. इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी प्रमुख भूमिकाओं में थे.फिल्म में अभिनय के अलावा,सतीश कौशल ने क्लासिक कॉमेडी कल्ट बॉलीवुड फिल्म 'जाने भी दो यारूं' (1983) के डायलॉग्स भी लिखे.
कैलेंडर किरदार से मिली पॉपुलैरिटी
इसके बाद साल 1987 में सुपरहिट फिल्म 'मिस्टर इंडिया' के मशहूर कैरेक्टर कैलेंडर निभाकर उन्हें काफी लोकप्रियता मिली.सतीश कौशिक ने अपना करियर बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर शेखर कपूर की फिल्म ‘मासूम’ (1983) के जरिए शुरू किया था. उन्होंने इस फिल्म में एक्टिंग भी की थी.इसके अलावा सतीश कौशिक एक निर्देशक भी थे. एक निर्देशक के तौर पर सतीश कौशिक ने फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा'से डेब्यू किया.इस फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी ने काम किया था. इस फिल्म को बोनी कपूर प्रोड्यूस कर रहे थे और ये अपने जमाने की सबसे महंगी फिल्म थी. दरअसल इस फिल्म पर भारी भरकम बजट खर्च हुआ था. कहते हैं कि इसका एक सीन जिसमें चलती ट्रेन से हीरे चोरी करना था, केवल उस सीन को फिल्मानें के लिए प्रोड्यूसर ने 5 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. हालांकि फिल्म नहीं चली.
इसके बाद सतीश कौशिक ने 'हम आपके दिल में रहते हैं','तेरे नाम','शादी से पहले' और 'कागज' सहित कई शानदार फिल्मों का निर्देशन किया.एक अच्छे निर्देशक होने के साथ-साथ सतीश कौशिक एक बेहतरीन कॉमेडियन भी थे. उन्होंने गोविंदा के साथ कई कॉमेडी फिल्में कीं जिसमें से राम-लखन और साजन चले ससुराल के लिए उन्हें दो बार बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.
बेटे की मौत से लगा सदमा
सतीश कौशिक की शादी शशि कौशिक से हुई थी और उनका एक बेटा शानू कौशिक था. शानू की 1996 में मृत्यु हो गई थी जब वह सिर्फ दो साल का था. बेटे की मौत के बाद से सतीश कौशिक काफी परेशान रहने लगे. इसके बाद खुशियों ने सतीश कौशिक के घर पर लगभग 16 साल बाद दस्तक दी. जब उनके घर 15 जुलाई 2012 को बेटी वंशिका का जन्म हुआ. वंशिका का जन्म सेरोगेसी के जरिए हुआ था.उस वक्त सतीश 57 साल के थे.सतीश ने बेटी के जन्म की खुशखबरी साझा करते हुए अपने बयान में कहा था, "यह एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है."
शादीशुदा होने पर नीना को दिया शादी का प्रपोजल
सतीश कौशिश ने नीना गुप्ता को शादी के लिए प्रपोज किया था जबकि उस समय वो खुद शादीशुदा थे. सतीश कौशिक 1985 में शशि कौशिक से शादी कर चुके थे.नीना गुप्ता ने इस बात का खुलासा अपनी ऑटो बायोग्राफी सच कहूं तो के लॉन्च पर किया था. दरअसल तब नीना गुप्ता प्रेग्नेंट थीं और सतीश कौशिक नहीं चाहते थे कि उनकी दोस्त अकेली रहे. हालांकि दोनों ने शादी नहीं की,लेकिन उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई.
सतीश कौशिक ने लगभग 100 फिल्मों में काम किया. 'कागज' सीतीश कौशिक की आखिरी फिल्म थी जोकि उनकी मौत के बाद रिलीज हुई. इस फिल्म को सतीश कौशिक ने खुद ही डायरेक्ट भी किया था.इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी लोड रोल में थे.