"इंसान गिर सकता है, उसूल झुक सकता है, और खानदान तबाह हो सकता है ... लेकिन मोहब्बत करने वाले दिल न झुके हैं ... और ना कभी झुक सकते हैं." ये डॉयलॉग है इंडिया के पहले सिंगिंग सुपरस्टार शम्मी कपूर की फिल्म जंगली का. 60 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों में धमाल मचाने वाले शम्मी कपूर को भारत का एल्विस प्रेस्ली कहा जाता था. क्योंकि इन दोनों का हेयरकट काफी हद तक एक जैसा था. उन्हें रिबेल स्टार भी कहा जाता था क्योंकि उन्होंने ऐसे समय में अपनी जगह बनाई थी जब दिलीप-राज-देव की तिकड़ी सिल्वर स्क्रीन पर राज कर रही थी. आज दिवंगत अभिनेता की 90वीं जयंती है. ऐसे में हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से बताएंगे.
परिवार में राजकुमारों सा रखा जाता था ख्याल
शम्मी कपूर का पूरा नाम शमशेर राज कपूर था. उनका जन्म 21 अक्टूबर 1931 को बॉम्बे के अजिंक्य हॉस्पिटल में हुआ था. उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और मां रामशरणी और परिवार के लोग उनके जन्म के पहले से काफी बेचैन थे. इसकी वजह ये कि जब शम्मी गर्भ में थे तब राज कपूर से छोटे उनके दो भाई - देवी और बिंदी एक ही हफ्ते के अंतराल में चल बसे थे. इसलिए उनकी डिलीवरी को लेकर घर में बहुत बेचैनी का माहौल था और बहुत सावधानी बरती गई. परिवार के करीबी बताते हैं कि वो अपने परिवार के अकेले ऐसे बच्चे हैं, जिनका जन्म अस्पताल में हुआ था. पैदा होने के बाद भी उनका राजकुमारों जैसा ख्याल रखा जाता था.
राज कपूर की वजह से छोड़ दिया स्कूल
शम्मी के जन्म के बाद पृथ्वीराज कपूर सबको लेकर कलकत्ता चले गए थे. उनका परिवार करीब सात-आठ साल वहां रहा. 1939 में वहां का न्यू थियेटर्स छोड़कर पिता मुंबई लौट आए और रणजीत स्टूडियो जॉइन कर लिया.1944 में शकुंतला नाटक के साथ उनके पिता ने पृथ्वी थियेटर्स की शुरुआत की. उस प्ले में शम्मी भरत का रोल किया करते थे. इस प्ले और राज कपूर की वजह से उन्हें अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था. दरअसल 'शकुंतला' की रिहर्सल के लिए राज कपूर छुट्टी चाहते थे लेकिन स्कूल ने उन्हें मना कर दिया. इस पर राज गुस्सा हो गए और उनकी प्रिंसिपल से लड़ाई हो गई. इसके बाद शम्मी को भी वो स्कूल छोड़नी पड़ा.
उनकी चाइल्डहुड गर्लफ्रेंड थीं नूतन
डेब्यू करने के पहले ही साल में शम्मी कपूर ने नूतन के साथ 'लैला मजनू' (1953) की. इन दोनों का रिश्ता काफी पुराना था. यहां तक नूतन को शम्मी कपूर की चाइल्डहुड गर्लफ्रेंड भी कहा जाता था. जब नूतन 3 और शम्मी 6 साल के थे तब से दोस्त थे और उनके पड़ोस में ही रहते थे. शम्मी के पिता पृथ्वीराज और नूतन की मां शोभना समर्थ बहुत अच्छे दोस्त थे. इसलिए दोनों के बच्चे भी हमेशा मिलते और साथ खेलते-कूदते रहते थे. टीनएज में आने पर शम्मी और नूतन ने डेटिंग शुरू कर दी.
नूतन से करना चाहते थे शादी
नूतन और शम्मी का एक मजेदार किस्सा भी है. नूतन ने दिलीप कुमार के छोटे भाई नसीर के साथ 1951 में 'नगीना' फिल्म में काम किया था. उनकी इस डेब्यू फिल्म का प्रीमियर बंबई के न्यू अंपायर सिनेमा में हुआ. इस प्रीमियर में नूतन को छोड़ने उनके बॉयफ्रेंड शम्मी कपूर आए थे. ये और बात है कि दरबान ने नूतन को घुसने ही नहीं दिया था क्योंकि नगीना 'केवल वयस्कों के लिए' थी और नूतन तब सिर्फ 15 बरस की थीं. शम्मी नूतन से शादी भी करना चाहते थे लेकिन शोभना समर्थ नहीं मानीं.
मांग में लिपस्टिक भर के की थी गीता बाली से शादी
शम्मी कपूर ने 23 साल की उम्र में गीता बाली से शादी कर ली थी. वो दोनों फिल्म 'कॉफी हाउस' के सेट पर मिले थे. बाद में दोनों ने साथ में केदार शर्मा की फिल्म 'रंगीन रातें' (1959) में काम किया था. ये दोनों उसके आउटडोर शूट पर रानीखेत हिल स्टेशन गए थे. वहीं पर दोनों को प्यार हो गया. इन दोनों की शादी का किस्सा भी दिलचस्प रहा. एक दिन रानीखेत के शेड्यूल से लौटने के बाद शम्मी रोज गीता से पूछते थे क्या वे उनसे शादी करेंगी? हालांकि गीता बाली इस पर कुछ रिएक्ट नहीं करती थी. लेकिन एक दिन अचानक से उन्होंने कहा कि "चलो, शादी करते हैं." हालांकि उनकी शर्त थी कि शादी आज ही करनी होगी. तब ये लोग एक मंदिर गए, जहां के पुजारी ने दोनों के फेरे लगवाए. दोनों ने हार पहनाए. गीता ने अपने बैग में से लिपस्टिक निकाली. शम्मी ने उनकी मांग में लिपस्टिक भर दी.
11 हजार में साइन की थी पहली फिल्म
अपनी पहली फिल्म के लिए शम्मी कपूर को 11,111 रुपए मिले थे. ये फिल्म थी 'जीवन ज्योति' जो 1953 में रिलीज हुई. इसके डायरेक्टर महेश कौल अपने दोस्त और प्रोड्यूसर ए. आर. कारदार के साथ उनका प्ले 'पठान' देखने आए थे जिसमें शम्मी ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ काम किया था. प्ले देखने के बाद कौल ने शम्मी को दफ्तर बुलाया और कहा कि हमें आपका काम काफी पसंद आया है और हम चाहेंगे कि आप हमारी फिल्म में काम करें.