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Shashi Kapoor Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा का वो सितारा जो सूरज की तरह चमका भी और ‘ग्रहण’ भी झेला

शशि कपूर अपने जमाने के डैशिंग और हैंडसम एक्टर थे. उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया. शशि कपूर ने अपने फिल्मी करियर में करीब 160 फिल्मों में काम किया जिसमें ज्यादातर हिट रहीं.

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हाइलाइट्स
  • फिल्में बनाना चाहते थे शशि कपूर

  • जेनिफर के जाने से आया सूनापन

शशि कपूर (Shashi kapoor Birth Anniversary) अपने जमाने के डैशिंग और हैंडसम एक्टर थे. शशि कपूर पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे. उनका असली नाम बलवीर राज कपूर था. 70 और 80 के दशक में रोमांटिक हीरो की छवि लिए शशि हर किसी की जान थे. लड़कियां उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहती थीं. शशि कपूर ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म आग (1948) से अपना करियर शुरू किया. बतौर लीड एक्टर उनकी पहली फिल्म धर्मपुत्र थी, जोकि 1961 में रिलीज हुई थी.

फिल्में बनाना चाहते थे शशि कपूर

शशि कपूर ने अपने फिल्मी करियर में करीब 160 फिल्मों में काम किया जिसमें ज्यादातर हिट रहीं. शशि कपूर को दीवार, सत्यम शिवम सुंदरम, नमक हलाल, काला पत्थर, कभी-कभी और कई अन्य फिल्मों में भूमिकाओं के माध्यम से हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए जाना जाता था. साल 2011 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार और 2015 में उन्हें  दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया. फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में शशि कपूर ने फिल्म डायरेक्शन के अपने प्यार को जाहिर किया था. उन्होंने कहा था, मैं हमेशा फिल्में बनाना चाहता था, अभिनय करना नहीं चाहता था लेकिन जब मैंने ऐसे काम की तलाश शुरू की जिसमें पैसा भी था तो मैं एक्टर बन गया.

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जब शशि कपूर के करियर में लगा ग्रहण

शशि कपूर ने 60 के दशक में डेब्यू किया था जो सक्सेसफुल रहा. ज्यादातर फिल्मों में वो लीड रोल में थे. हालांकि ऐसा नहीं है कि शशि ने अपने करियर में सिर्फ सफलता ही देखी. कई हिट फिल्मों में काम करने के बाद भी उन्हें अच्छी फिल्में ऑफर नहीं हुई. एक समय में सूरज की तरह चमकने वाले शशि के करियर को जब ग्रहण लगा तो उनके पास घर चलाने के पैसे भी नहीं थे. काम ना होने की वजह से शशि कपूर मायूस हो गए. लेकिन घर तो चलाना ही था...मजबूरन शशि कपूर को अपनी स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ी.

जेनिफर को बेचने पड़े गहने

इस वक्त तक शशि ब्रिटिश एक्ट्रेस जेनिफर केंडल (Jennifer Kendal) से शादी कर चुके थे और तीन बच्चों के पिता थे. मुश्किल घड़ी में जेनिफर ने पति का पूरा साथ दिया. उन्होंने अपने गहने बेच दिए. इसका जिक्र उनके बेटे कुणाल कपूर ने एक इंटरव्यू में भी किया था. कुनाल कपूर ने बताया था, 'पिताजी ने स्पोर्ट्स कार बेच दी थी. हमारे पास पैसे नहीं थे तो इसलिए मां ने सामान बेचना शुरू कर दिया.' वो कहते हैं न... वक्त कभी एक सा नहीं रहता...शशि कपूर के करियर का ग्रहण धीरे-धीरे छटने लगा. और फिर 70 के दशक में शशि कपूर एक ऐसा सितारा बनकर चमके जिसकी चमक के आगे बाकी सितारे भी फीके लगने लगे.

jennifer and shashi kapoor

जेनिफर के जाने से आया सूनापन

यूं तो शशि कपूर के लिए लाखों लोगों का दिन घड़कता था, लेकिन निजी जिंदगी में शशि कपूर ब्रिटिश अभिनेत्री जेनिफर केंडल के प्यार में पागल थे. अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ पृथ्वी थिएटर्स में काम करने के दौरान उनकी मुलाकात जेनिफर से हुई. दोनों की पसंद एक सी थी. जुलाई 1958 में उन्होंने शादी कर ली और उनके तीन बच्चे हुए - कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर. पहले कपूर खानदान इस शादी से खुश नहीं था लेकिन शशि कपूर ने सबको मना लिया. दोनों की जिंदगी खुशहाल चल रही थी तभी 1982 में जेनिफर कैंसर की चपेट में आ गईं. शशि कपूर ने मुंबई से लेकर लंदन तक के डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 1984 में जेनिफर इस दुनिया को अलविदा कह गईं. जेनिफर के जाने के साथ ही शशि कपूर टूट गए. शशि कपूर की दुनिया में एक ऐसा सूनापन आ गया जो कभी नहीं भरा..आखिरकार 4 दिसंबर, 2017 को शशि कपूर का भी निधन हो गया.