बॉलीवुड इंडस्ट्री में 'शॉटगन' के नाम से मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 9 दिसंबर 1945 को बिहार का राजधानी पटना में भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और श्यामा देवी सिन्हा के घर हुआ था. आइए आद 'बिहारी बाबू' से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानते हैं.
पटना साइंस कॉलेज से की है पढ़ाई
बिहारी बाबू के नाम के पीछे 'रामायण' से जुड़ी एक खास बात है, अपने चार भाई राम, लक्ष्मण, भरत में सबसे छोटे हैं शत्रुघ्न. शत्रुघ्न सिन्हा पटना साइंस कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद पुणे के 'फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' (FTII) से पढ़े. एफटीआईआई में आज भी शत्रुघ्न के नाम पर डिप्लोमा कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती है.
गाल पर बने कट के एक निशान ने पॉपुलर खलनायक बना दिया
शत्रुघ्न सिन्हा आज भी फैंस के बीच काफी पॉपुलर हैं. अपने दमदार अभिनय और बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता अपने समय के मशहूर विलेन भी रहे हैं. उनके कई डायलॉग्स मशहूर हुए. इनमें 'खामोश' सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ. लेकिन क्या आपको पता है शत्रुघ्न सिन्हा बतौर विलेन नहीं बल्कि हीरो बनकर कामयाबी हासिल करना चाहते थे. इसी मकसद से वह मुंबई आए थे, लेकिन उनके गाल पर बने कट के एक निशान ने उन्हें इंडस्ट्री का पॉपुलर खलनायक बना दिया.
प्लास्टिक सर्जरी कराने का बना लिया था मन
अभिनेता बनने का सपना आंखों में संजोए पटना से मुंबई आए बिहारी बाबू को चेहरे पर इस निशान की वजह से उनके करियर के शुरुआती दौर में फिल्में मिलना मुश्किल हो जाता था. निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में कोई भी रोल देने से कतराते थे. निर्माताओं की न सुनकर शत्रुघ्न इतने हताश हो गए थे कि अभिनेता ने प्लास्टिक सर्जरी का पूरा मन बना लिया था. लेकिन ऐन मौके पर अपने जमाने के मशहूर अभिनेता रहे देव आनंद ने उन्हें रोक लिया और समझाया कि इस निशान को अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बनाएं. बस फिर क्या था शत्रुघ्न ने प्लास्टिक सर्जरी का इरादा बदल लिया और इस कट को अपनी ताकत बनाने का फैसला किया.
एक्टिंग करियर की शुरुआत
शत्रुघ्न सिन्हा ने देव आनंद की फिल्म 'प्रेम पुजारी' में एक पाकिस्तानी मिलिट्री अफसर का किरदार निभाकर अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इसके बाद शत्रुघ्न ने 1969 की मोहन सहगल की फिल्म 'साजन' में एक पुलिस इंस्पेक्टर का छोटा रोल किया था. गुलजार की फिल्म 'मेरे अपने' में काफी फेमस 'छेनू' का किरदार निभाया था. उसके बाद 'कालीचरण' फिल्म में काम करके शत्रु बॉलीवुड की लाइमलाइट में आए. 'कालीचरण' रिलीज होने के बाद 24 घंटे में शत्रुघ्न ने यूनिट मेंबर्स को अपनी एक महीने की सैलरी को बोनस के रूप में देने का ऐलान कर दिया था.
हीरो और विलेन दोनों किरदारों में दर्शकों का जीता दिल
शत्रुघ्न सिन्हा की बुलंद-कड़क आवाज और चाल-ढाल ने उन्हें बॉलीवुड फिल्मों का एक प्रभावशाली विलेन बनाया. उस जमाने में अभिनेता के मुंह से निकलने वाला हर शब्द बंदूक की गोली समान लगता था और इसी वजह से उन्हें 'शॉटगन' का टाइटल भी दिया गया. इस टैग ने उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दी. उन्होंने सिर्फ विलेन के किरदार में ही नहीं हीरो के रोल में भी दम दिखाया है. शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड के उन स्टार्स में से हैं, जिन्होंने हीरो और विलेन दोनों किरदारों में दर्शकों का दिल जीता.
शत्रुघ्न सिन्हा की प्रमुख फिल्में
प्यार ही प्यार, बनफूल, रामपुर का लक्ष्मण, भाई हो तो ऐसा, हीरा, ब्लैकमेल, रास्ते का पत्थर, यार मेरी जिंदगी, शान, काला पत्थर, बॉम्बे टू गोवा, दोस्ताना, नसीब, बेरहम, हथकड़ी, बदनाम, चेहरे पे चेहरा, क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं. इसके अलवा सिन्हा टेलीविजन रियलिटी शो में भी नजर आए. वह द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज शो के सीजन 4 के बतौर जज करते नजर आए थे. वह दस का दम सीजन 2 की मेजबानी भी कर चुके हैं.
ऐसे किया था पूनम सिन्हा को प्रोपोज
शत्रुघ्न सिन्हा ने पूर्व मिस यंग इंडिया 'पूनम सिन्हा' के साथ शादी रचाई. शत्रुघ्न ने पूनम को चलती हुई ट्रेन में फिल्म 'पाकीजा' के डायलॉग 'अपने पांव जमीन पर मत रखिएगा...' को कागज पर लिखकर प्रोपोज किया था. 1980 में पूनम सिन्हा से शादी की. दोनों के दो बेटे लव, कुश और एक बेटी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा हैं.