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Tax-Free Movies: जानें कब किसी फिल्म को किया जाता है टैक्स फ्री? क्या होता है इसका क्राइटेरिया

The kerala Story Tax-Free: किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने के पीछे कोई निर्धारित मानदंड नहीं है. राज्य सरकारें फिल्म के विषय की प्रासंगिकता के हिसाब से और अपने मूल्यांकन के आधार पर टैक्स-फ्री कर सकती है.

Tax-Free Movies Tax-Free Movies
हाइलाइट्स
  • द केरल स्टोरी हुई 4 राज्यों में टैक्स फ्री

  • फिल्म का टिकट मिलता है सस्ता

धर्मांतरण पर आधारित फिल्म द केरल स्टोरी अपनी रिलीज से पहले से ही चर्चा में बनी हुई है. देशभर के राजनेता भी इस फिल्म में काफी इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. 11 मई तक इस फिल्म को 4 राज्यों में टैक्स-फ्री कर दिया गया है. इन राज्यों में हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं. मध्य प्रदेश सरकार सबसे पहली है जिसने लोगों के लिए इस फिल्म को टैक्स-फ्री का दर्जा दिया है. बता दें,  द केरल स्टोरी को रिलीज हुए एक सप्ताह हो चुका है. 

कब किया जाता है किसी फिल्म को टैक्स-फ्री घोषित? 

दरअसल, किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने के पीछे कोई निर्धारित मानदंड नहीं है. राज्य सरकारें फिल्म में संबोधित विषयों की प्रासंगिकता के अपने मूल्यांकन के आधार पर फिल्म-दर-फिल्म आधार पर टैक्स-फ्री कर सकती है. अधिकतर जब कोई फिल्म सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण और प्रेरक विषय से संबंधित होती है, तो राज्य सरकारें इसे व्यापक दर्शकों के लिए ज्यादा सुलभ बनाने के लिए कभी-कभी टैक्स-फ्री कर देती है. 

फिल्म का टिकट कितना सस्ता मिलता है?

2017 में गुड एंड सर्विस टैक्स (GST) के आने से पहले, राज्य सरकारें एंटरटेनमेंट टैक्स लगाया करती थीं,  जो हर राज्यों के लिए अलग-अलग होता था. हालांकि, ये टैक्स महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ज्यादा था. ऐसे में जब टिकट्स को सस्ता करने की बात आती थी तो एंटरटेनमेंट टैक्स माफ कर दिया जाता था. इससे ग्राहकों को टिकट के कम पैसे देने पड़ते थे. 

शुरुआत में, मूवी टिकट जीएसटी रेजिम के तहत 28 प्रतिशत जीएसटी के अधीन थे. उसके बाद, GST के दो स्लैब पेश किए गए: 100 रुपये से कम कीमत वाले टिकट पर 12% GST, और 100 रुपये से अधिक की कीमत वाले टिकट पर 18% GST. इस फंड को सेंट्रल और राज्य सरकारों के बीच समान रूप से बांटा गया है. नतीजतन, जब कोई राज्य फिल्म को टैक्स-फ्री करने की घोषणा करता है, तो केवल एसजीएसटी खत्म हो जाता है, जबकि सीजीएसटी ऐसा ही रहता है. टिकट की कीमत के आधार पर छूट 6% से 9% तक हो सकती है.

इससे पहले कैसी फिल्में हुई थी टैक्स-फ्री?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गांधी जैसी उल्लेखनीय फिल्में, जो 1982 में रिलीज हुई थीं, को टैक्स फ्री किया गया था. वहीं, कुछ साल पहले दंगल और नीरजा, दो सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों को 2016 में कई राज्यों में टैक्स-फ्री कर दिया गया था. ये लिस्ट छोटी नहीं है, इसमें- टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017), छपाक (2020), मैरी कॉम (2014), तारे जमीन पर (2007), मर्दानी (2014), निल बट्टे सन्नाटा (2014), द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया था.