ट्रेलर रिलीज के कुछ दिनों बाद ही आने वाली फिल्म द केरला स्टोरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है और आग्रह किया है कि 5 मई, 2023 को रिलीज होने वाली इस फिल्म को ना दिखाया जाए. द केरल स्टोरी का ट्रेलर 26 अप्रैल को सोशल मीडिया पर जारी किया गया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने कहा कि केंद्र को देश में फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए क्योंकि ट्रेलर "झूठ से भरा हुआ था और मुस्लिम समुदाय को खराब तरीके से चित्रित किया गया है."
कांग्रेस नेता और केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा, 'फिल्म झूठ का पुलिंदा है. इसमें कहा गया है कि 32,000 महिलाओं का धर्मांतरण किया गया और उन्हें इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाकों में भेजा गया. आतंकी संगठन ISIS इन लड़कियों को ब्रेनवॉश करके इन्हें ट्रेन करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मिशन पर लगा देता है. इसके ट्रेलर ने इसके कंटेंट के काफी संकेत दिए. इसका इरादा राज्य और समुदाय को बदनाम करना है और इसके पीछे संघ परिवार के संगठन हैं.” द केरला स्टोरी को सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया है वहीं विपुल अमृतलाल शाह इसके प्रोड्यूसर हैं.
मुख्यमंत्री ने जताई आपत्ति
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इस पर नाराजगी जताई है. मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा- हिंदी फिल्म द केरल स्टोरी का ट्रेलर देखकर ऐसा लगता है कि फिल्म को जानबूझकर केरल में नफरत फैलाने के इरादे से बनाया गया है. ये फिल्म केरल का माहौल बिगाड़ने की साजिश है. ये फिल्म उस संघ परिवार का प्रोपेगेंडा है जो खुद कट्टरपंथी विचारधारा का शिकार है और केरल में भी नफरत के बीज बोना चाहती है.
क्या है कहानी?
द केरला स्टोरी का ट्रेलर एक शालिनी उन्नीकृष्णन नाम की एक हिंदू महिला से शुरू होता है. ये किरदार अदा शर्मा ने निभाया है. शालिनी अपने चार अन्य दोस्तों के साथ एक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही होती है, जहां उनकी एक दोस्त कहती है कि पूरी दुनिया को अल्लाह चला रहा है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे अदा की एक दोस्त आईएसआईएस भर्ती करती है और कैसे वह दूसरी लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए ब्रेनवॉश करती है. ट्रेलर शुरू से अंत तक आपको ऐसे बांधकर रखेगा कि आप फिल्म देखने को मजबूर हो सकते हैं.
क्या कहना है फिल्म की अभिनेत्री का
फिल्म में लीड किरदार में आपको एक्ट्रेस अदा शर्मा नजर आएंगी. अदा ने ANI से बात करते हुए कहा कि फिल्म में 32,000 लड़कियों के गायब होने का आंकडा बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया गया है। मैं खुद उन लड़कियों से मिल चुकी हूं जिन्होंने इस डरावनी कहानी को न सिर्फ जीया है बल्कि अपने साथ होते भी देखा है. अदा ने आगे कहा- मुझे ये सुनकर भी डर लगता है कि कुछ लोग इस फिल्म को प्रोपेगेंडा बता रहे हैं, जबकि ये सब सच है. मुझे यकीन नहीं होता कि लोग इस बात के पीछे पड़ गए हैं कि केरल से कितनी लड़कियां गायब हुईं. जबकि उन्हें इस बात का जस्टीफिकेशन देना चाहिए कि केरल से ये लड़कियां गायब कैसे हुईं. एक वीडियो के जरिए उन्होंने बताया कि फिल्म किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि ये एंटी-टेररिज्म है. हमारी फिल्म आतंकवाद के खिलाफ है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि आतंकियों ने हमारी लड़कियों को ड्रग्स देकर उनका रेप किया गया, उन्हें ब्रेनवॉश किया और उन्हें मिशन पर लगाया गया.
वहीं फिल्म के डायरेक्टर सुदिप्तो सेन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने इस कहानी को 7 सालों तक फॉलो किया है और तीन सालों तक कड़ी रिसर्च करने के बाद ही फिल्म लेकर आए हैं.
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स
कई मीडिया रिपोर्ट्स ये बताती हैं कि केरल से उस दौरान हिंदू और क्रिश्चियन धर्म की कई सारी लड़कियां गायब हुई थी लेकिन असल में यह आंकड़ा कितना है ये अभी भी साफ तौर से सामने नहीं आ पाया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में केरल के 21 लोगों ने इस्लामिक स्टेट जिहादी आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए देश छोड़ दिया था. उनमें से एक छात्रा ने शादी से पहले इस्लाम कबूल किया था. रिपोर्ट में कहा गया कि उसने जब देश छोड़ा तब वह आठ महीने की गर्भवती थी.