सोशल मीडिया की दुनिया में कई ट्रेंड्स आते हैं और चले जाते हैं. ये नए ट्रेंड्स लाखों यूजर्स का ध्यान आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक ट्रेंड अब सोशल मीडिया पर चल रहा हो टिकटॉक प्लेटफॉर्म पर काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसका नाम Bed Rotting है. दरअसल, कई बार हमारा मन बस बिस्तर पर पड़े रहने का करता है. बस इसी को GEN Z ने ट्रेंड बना दिया है. जहां टिकटॉक पर ज्यादातर ट्रेंड्स आज भागदौड़ भरे जीवन और प्रोडक्टिविटी और हसल कल्चर को दिखाते हैं वहीं ये ट्रेंड एकदम उलट है. Bed Rotting ट्रेंड आपको आराम करने पर जोर देता है.
Gen Z दे रहे हैं सॉफ्ट लिविंग कल्चर को बढ़ावा
"बेड रोटिंग" एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जो Gen Z के सॉफ्ट लिविंग कल्चर को दिखाता है. साथ ही यह कि वे किस तरह अपनी जिंदगी में भागदौड़ को छोड़ते हुए आराम की जिंदगी बिताना चाहते हैं. और अपने आराम और शांति को तवज्जो देते हैं. इनसाइडर वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, "बेड रोटिंग" की अवधारणा सरल है. यह तब होता है जब आप अपनी चादर के आराम में डूब जाते हैं और उसी में रहते हैं. ये आराम घंटो या कभी कभी कई दिन तक भी चल सकता है.
चीन में भी चला रहा ऐसा ट्रेंड
कुछ इसी तरह का ट्रेंड पिछले साल चीन में भी चला था. वह "लेटिंग इट रॉट" के नाम इ पॉपुलर हुआ था. इसके अलावा 2021 के “lying flat” ट्रेंड से भी ये मेल खाता है. इन दोनों ट्रेंड में दिखाया गया था कि कैसे आप अपनी जिंदगी के चारों और के प्रेशर को इग्नोर करके या प्रेशर वाली वर्किंग लाइफ से हटकर जी सकते हैं. कुल मिलाकर ये सभी ट्रेंड सेल्फ-केयर या खुद को प्रायोरिटी देने से जुड़े हुए हैं.
सेल्फ केयर से जुड़ा है ये ट्रेंड
"बेड रोटिंग" ट्रेंड सेल्फ केयर से जुड़ा हुआ है. क्योंकी टिकटॉकर्स इसमें अपनी आराम वाली जिंदगी की वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं. ट्रेंड के रूप में यूजर्स अपने बेड पर सोते हुए या स्किन-केयर रूटीन जैसी चीजों की वीडियो बनाकर टिकटॉक पर पोस्ट कर रहे हैं. टिकटॉक के इस ट्रेंड में सबसे ज्यादा बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं कॉलेज के छात्र या युवा पेशेवर.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ये
इंडिया टुडे ने एस्टर सीएमआई अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ गिरीशचंद्र से बात की. उनके मुताबिक, बेड रोटिंग ट्रेंड आपको मन की शांति दे सकता है जिसकी आपको आज के समय में काफी जरूरत है. डॉ गिरीशचंद्र कहते हैं, “बेड रोटिंग एक नया ट्रेंड है जो जेन जी और मिलेनियल्स के बीच पॉपुलर हो रहा है. यह पूरे दिन बिस्तर पर रहने, इधर-उधर घूमने, ब्राउज करने, या आराम करने और बिना किसी प्रोडक्टिव काम में उलझे रहने के बारे में है. स्वस्थ दिमाग और आत्मा के लिए मानसिक विश्राम और तनाव मुक्त होना जरूरी है. खुद की देखभाल करना और कभी-कभी आराम करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है.”