scorecardresearch

#FilmyFriday Vyjayanthimala: साउथ से आने वाली पहली एक्ट्रेस जिस पर एक ही समय दिल हार बैठे दो बॉलीवुड एक्टर्स...फिर इलाज कर रहे डॉक्टर से हुआ प्यार

वैजयंतीमाला दक्षिण भारत से आकर हिंदी सिनेमा में पहचान बनाने वाली पहली अभिनेत्री है. उन्हें हिंदी सिनेमा में अपने डांस और अभिनय के लिए याद किया जाता है. हिंदी फिल्मों में वैजयंती माला की एंट्री 1951 में हुई.

Filmy Friday Vaijyantimala Filmy Friday Vaijyantimala

वैजयंतीमाला हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम काल की दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक हैं. वैजयंतीमाला शास्त्रीय नृत्य में पारंगत थीं और दो दशकों से अधिक समय तक उन्होंने प्रशंसकों के दिलों पर राज किया. एक जमाने में लोग उनकी एक्टिंग के दीवाना हुआ करते थे. एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. एक जमाने में डायरेक्टर्स उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे. वैजयंतीमाला ने 13 साल की उम्र में तमिल फिल्म से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था. वैजयंती माला अपने समय की पहली ऐसी महिला थीं जो साउथ इंडिया फिल्म इंडस्ट्री से बॉलीवुड में आई थीं. उनके बाद हेमा मालिनी, जयाप्रदा, श्रीदेवी और रेखा ने साउथ से बॉलीवुड में कदम रखा. वैजयंती माला की मां वसुंधरा देवी साउथ की पॉपुलर एक्ट्रेसेस की लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर आती थीं. वहीं वैजयंतीमाला भी अपनी मां की तरह ही सुपरहिट होना चाहती थीं. ऐसे में वैजयंती माला ने काफी मेहनत की और उन्हें वो सब मिला जो उन्हें चाहिए था. उन्हें बेहतरीन एक्टिंग के लिए 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है साथ ही भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है.

बचपन में ही सीखा डांस 
बहुमुखी प्रतिभा की धनी वैजयंती का जन्म 13 अगस्त 1936 को मद्रास (चेन्नई) में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम एम.डी. रमन और माता का नाम वसुन्धरा देवी था. उनकी मां 1940 के दशक की मशहूर तमिल अभिनेत्री थीं. उनकी फिल्म मंगामा सबथम तमिल सिनेमा की पहली सुपरहिट फिल्म थी. ऐसे में उनके माता-पिता के पास उनके पालन-पोषण के लिए कम समय था जिस वजह से उनकी दादी यदुगिरी देवी ने उन्हें पाला. वैजयंती माला को उनके परिवार ने 4 साल की उम्र से ही डांस सिखाना शुरू कर दिया था. जिसके चलते एक समय बाद वैजयंती कथक, कुचीपुड़ी और उड़ीया जैसे कई डांस परफारमेंस में महारत हासिल कर चुकी थीं. 

कैसे हुई बॉलीवुड में एंट्री
एक दिन वैजयंतीमाला चेन्नई गोखले हॉल में भरत नाट्यम कर रही थीं जब प्रोड्यूसर एम. वी. रमन की नजर उन पर पड़ी. एम.वी. रमन ने मन बना लिया कि उनकी अगली फिल्म की एक्ट्रेस वैजयंतीमाला ही होंगी. एम. वी. रमन ने ये बात वैजयंतीमाला के पैरेंट्स को बताई वो तो मान गए पर लेकिन उनकी दादी ऐसा नहीं चाहती थीं. दरअसल उस वक्त उनकी उम्र महज 13 साल थी ऐसे में उनकी दादी को लगा कि उनकी पढ़ाई और डांस फिल्में करने से इफेक्ट होने लगेगा. हालांकि जब उनकी दादी को प्रोड्यूसर और वैजयंतीमाला के माता-पिता ने मनाया तो वो भी मान गईं. इस तरह वैजयंतीमाला की पहली तमिल फिल्म वड़कई थी. इस फिल्म को खासा पसंद किया गया. फिर जब इसे हिंदी में बनाया गया तो उसमें भी वैजयंती को ही कास्ट किया गया. इस तरह 1951 में फिल्म बहार से उनकी बॉलीवुड में भी एंट्री हो गई. वैजयंती माला पहली ऐसी दक्षिण की हिरोइन थीं जिन्हें अपने डायलॉग डब नहीं करने पड़े थे. उन्होंने हिन्दी में डायलॉग बोलने के लिए हिन्दी भी सीखी थी.

इन फिल्मों में किया दमदार अभिनय
फिल्म देवदास के लिए डायरेक्टर बिमल रॉय को एक्ट्रेस की तलाश कर रहे थे. फिल्म में चंद्रमुखी एक वैश्या होती है. ऐसे में इस रोल को करने से नरगिस, बीना रॉय जैसी एक्ट्रेस ने मना कर दिया था. उन्होंने मीना कुमारी को कास्ट करने के लिए सोचा लेकिन उन्होंने ज्यादा फीस की मांग की जिसके बाद इस रोल के लिए वैजयंती माला को लिया गया. जब ये फिल्म रिलीज हुई तो जबरदस्त हिट साबित हुई. साल 1957 में आई फिल्म 'देवदास' में वैजयंती माला ने चंद्रमुखी का किरदार निभाया था. फिल्म देवदास में वैजयंती माला की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. उनका कहना था कि देवदास में जितनी पारो जरुरी थी उतनी ही चंद्रमुखी भी, इसलिए मुझे इस फिल्म के लिए बेस्ट लीड एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया जाना चाहिए ना कि सपोर्टिंग एक्ट्रेस का.

दिलीप कुमार-राज कपूर संग अफेयर
वैजयंती माला की जोड़ी दिलीप कुमार के साथ खूब जमती थी. उन्‍होंने दिलीप कुमार के साथ मधुमती, नया दौर, पैग़ाम, लीडर और संघर्ष जैसी हिट फि‍ल्में कीं. इसी दौरान दिलीप कुमार से उनके अफेयर की भी चर्चा हुई. दिलीप फिल्मों में ज्यादातर उनके कपड़ो से मैच करती ड्रेस पहना करते थे जिससे इस बात को और हवा मिली. हालांकि बाद में उन्होंने राज कपूर के साथ फिल्म गंगा जमुना में काम किया तो उनका नाम राज कपूर से जुड़ने लगा. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अफवाह से परेशान होकर राज कपूर की पत्नी कृष्णा अपने बच्चों को लेकर घर छोड़कर होटल में रहने चली गई थीं. करीब 4 महीने होटल में रहने के बाद कृष्णा इस शर्त पर मानी कि फिर कभी वो वैजयंती के साथ फिल्मों में काम नहीं करेंगे.

डॉक्टर से प्यार और राजनीति
वैजयंती को एक बार निमोनिया हो गया था. उनका इलाज डॉ. चमनलाल बाली कर रहे थे. बाली उनके फैन थे. इलाज करते-करते दोनों में प्यार हो गया. 10 मार्च 1968 को दोनों ने शादी कर ली. वैजयंती माला शादी के बाद राजनीति में शामिल हो गईं. साल 1984 में वो सांसद बनीं और कुछ समय बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं. फिलहाल तमिलनाड़ू की पॉलिटिक्स में उनका जाना माना नाम है.