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Chhaava tax-free: गोवा और एमपी में 'छावा' हुई टैक्स फ्री, किन फिल्मों को और क्यों मिलती है टैक्स से छूट?

विकी कौशल अभिनीत फिल्म छावा बॉक्स ऑफिस पर दमदार प्रदर्शन कर रही है. शिवाजी महाराज की जयंती पर उनके पुत्र संभाजी महाराज पर बनी फिल्म को मध्यप्रदेश सरकार ने टैक्स फ्री घोषित करने का ऐलान किया है.

A still from Chhaava A still from Chhaava
हाइलाइट्स
  • फिल्मों को टैक्स फ्री करने का मतलब क्या होता है.

  • कैसे कोई फिल्म टैक्स फ्री होती है

विकी कौशल की फिल्म छावा बॉक्स ऑफिस पर दमदार प्रदर्शन कर रही है. शिवाजी महाराज की जयंती पर उनके पुत्र संभाजी महाराज पर बनी फिल्म को मध्यप्रदेश सरकार और गोवा सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है.

छावा को टैक्स फ्री करने का एलान करते हुए एमपी के सीएम मोहन यादव ने कहा कि 'संभाजी महाराज ने तमाम यातनाएं सहकर देश और धर्म के लिए अपने प्राण दिए. छावा नाम की फिल्म बनी है और जब ऐसी उत्कृष्ट फिल्म बनी है तो उसपर टैक्स क्यों लें? इसलिए छावा को पूरे प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा करते हैं. जो भी फिल्म देखने जाएगा उसको महाराज शिवाजी के पुत्र संभाजी महाराज के जीवन का परिचय भी मिलेगा.'

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने फिल्म टैक्स फ्री करने का एलान करते हुए कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन और बलिदान पर आधारित फिल्म छावा गोवा में टैक्स फ्री होगी. यह फिल्म संभाजी महाराज की वीरता और साहस को दर्शाती है, जिन्होंने "देव, देश और धर्म" के लिए मुगलों और पुर्तगालियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.''

chavva tax free
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कैसे कोई फिल्म टैक्स फ्री होती है
किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने के लिए कोई निर्धारित मानदंड नहीं हैं. राज्य सरकारें फिल्म के विषयों की प्रासंगिकता के अपने मूल्यांकन के आधार पर टैक्स फ्री कर सकती है. अधिकतर जब कोई फिल्म सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण और प्रेरक विषय से संबंधित होती है, तो ज्यादा दर्शकों तक पहुंच बनाने के लिए राज्य सरकारें कभी-कभी फिल्मों को टैक्स-फ्री कर देती हैं. 

पहले लगाया जाता था एंटरटेनमेंट टैक्स
2017 में गुड एंड सर्विस टैक्स (GST) के आने से पहले, राज्य सरकारें एंटरटेनमेंट टैक्स लगाया करती थीं,  जो हर राज्यों के लिए अलग-अलग होता था. हालांकि, ये टैक्स महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा था. ऐसे में जब टिकट्स सस्ती करने की बात आती थी तो एंटरटेनमेंट टैक्स माफ कर दिया जाता था. इससे ग्राहकों को टिकट के कम पैसे देने पड़ते थे. 

टिकट की कीमत के आधार पर मिलती है छूट
शुरुआत में, मूवी टिकट जीएसटी रेजिम के तहत 28 प्रतिशत जीएसटी के अधीन थे. उसके बाद, GST के दो स्लैब पेश किए गए: 100 रुपये से कम कीमत वाले टिकट पर 12% GST, और 100 रुपये से अधिक की कीमत वाले टिकट पर 18% GST. इस फंड को सेंट्रल और राज्य सरकारों के बीच समान रूप से बांटा गया है. नतीजतन, जब कोई राज्य फिल्म को टैक्स-फ्री करने की घोषणा करता है, तो केवल एसजीएसटी खत्म हो जाता है, जबकि सीजीएसटी ऐसा ही रहता है. टिकट की कीमत के आधार पर छूट 6% से 9% तक हो सकती है.

टिकट सस्ती मिलती है
मान लीजिए मध्य प्रदेश में GST समेत एक फिल्म की टिकट 220 रुपए की है तो टैक्स फ्री करने के बाद पब्लिक को वो टिकट 202 रुपए में मिलेगी. जब भी कोई फिल्म टैक्स फ्री होती है तो ऐसा माना जाता है कि इसे सरकार का समर्थन मिला है, ऐसे में दर्शक फिल्म की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं और ये फिल्म की सक्सेस में बड़ी भूमिका निभाते हैं.