वहीदा रहमान 85 साल की हो चुकी हैं. उनका जन्म 3 फरवरी, 1938 को विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश के एक तमिल परिवार में हुआ था. उस दौर में जब अभिनेत्रियां ज्यादा मांग नहीं करती थीं, वहीदा रहमान ने हमेशा अपनी शर्तों पर काम किया. पांच दशक से अधिक के करियर में उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं. उन्होंने विभिन्न शैलियों की फिल्में कीं और अलग-अलग भूमिकाएं बखूबी निभाईं. भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े खिताब दादासाहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 2023 के लिए चुना गया. इससे पहले उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है.
उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1955 में तेलगू फिल्म मरयायी से की थी. जबकि सीआईडी उनकी पहली हिंदी फिल्म थी. वहीदा के पिता उस जमाने में डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर थे और वहीदा अपनी चार बहनों में सबसे छोटी थीं. उनकी बड़ी बहन शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की ट्रेनिंग लेने जाती थीं, जिसके चलते वहीदा भी भरतनाट्यम सीखने लगीं. जल्द ही वह शास्त्रीय संगीत की इस विधा में पारंगत हो गईं, जिसके बाद उनके पास फिल्मों के ऑफर आने लगे. हालांकि, वह एक्टिंग की दुनिया में कदम रखना ही नहीं चाहती थीं और हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थीं.
कैसे मिली पहली फिल्म
वहीदा जब 13 साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया था. परिवार की हालत भी कुछ ठीक नहीं जिसे देखते हुए उन्होंने डॉक्टर बनने के ख्वाब को एक तरफ कर पैसे कमाने के लिए फिल्मी दुनिया में कदम रखा. पिता के एक दोस्त की मदद से वहीदा को सबसे पहले एक तेलगु फिल्म में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म सफल रही और वहीदा के अभिनय को भी पसंद किया गया. हालांकि, ये किरदार काफी छोटा था और इसमें ज्यादातर डांस था. इसके बाद उनकी मुलाकात गुरुदत्त से हुई जो उन्हें मुंबई ले आए. उन्होंने गुरुदत्त के प्रोडक्शन में बनी फिल्म C.I.D (1956) में काम किया, जिसे राज खोसला ने डायरेक्ट किया था. इसके बाद उन्होंने कागज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम, गाइड, काला बाजार, रूप की रानी चोरों का राजा, राम और श्याम, आदमी, तीसरी कसम और खामोशी की.
अमिताभ करना चाहते थे रोमांस
वहीदा एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री हैं जिन्होंने पर्दे पर विभिन्न किरदार निभाए हैं. उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां और प्रेमिका दोनों की भूमिका निभाई है. साल 1976 में फिल्म अदालत में वो अमिताभ की प्रेमिका के तौर पर नजर आईं और त्रिशूल (1978) में वो उनकी मां बनीं थीं. कुछ समय पहले ही एक कार्यक्रम में महानायक अमिताभ बच्चन ने वहीदा रहमान के प्रति अपने प्यार का इजहार किया था. उन्होंने कहा था, 'अगर मैं शादीशुदा नहीं होता तो वहीदा रहमान के साथ रोमांस करता. मेरे अनुसार वहीदा जी अपने जमाने की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री थीं. उनके अंदर भारतीयता, सौम्यता और निर्मलता का भाव था, जो दिल को छू लेता है.' बिग भी ने ये भी कहा कि वो वहीदा को कविता सुनाकर आकर्षित करने की कोशिश करते.
अपनी शर्तों पर किया काम
जब गुरु दत्त ने वहीदा को अपनी फिल्म सीआईडी में काम करने का ऑफर दिया, तब उन्होंने वहीदा से कहा कि वो अपना नाम बदल लें. वहीदा ने जिस दौर में फिल्मों में एंट्री की थी उस समय तमाम टॉप एक्ट्रेस स्क्रीन नेम बदलकर ही फिल्मों में काम करती थीं. ऐसे में गुरु दत्त ने उन्हें भी कोई अच्छा सा नाम रखने की सलाह दी थी, जिसे वहीदा ने सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद वहीदा ने दो शर्तें भी रखीं. वहीदा ने शर्त रखी कि उनकी मां हमेशा सेट पर आएंगी और वह फिल्मों में कभी भी रिवीलिंग कपड़े नहीं पहनेंगी. गुरु दत्त को आखिरकार वहीदा रहमान की शर्तों को मानना पड़ा.
साल 1974 में, उन्होंने अपने को-स्टार शशि रेखी से शादी की. शशि से उनके दो बच्चे हैं, सोहेल और काशवी हैं. ये दोनों फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने लेखक हैं. साल 2000 में लंबी बीमारी के कारण शशि रेखी की मृत्यु हो गई.