भारतीय सिनेमा अक्सर ही अपने किरदारों से कुछ नया करने की कोशिश करता है. एलजीबीटी+ समुदाय पर आज तक बहुत सी फिल्में बन चुकी हैं. शुभ मंगल ज्यादा सावधान और चंडीगढ़ करे आशिकी जैसी फिल्मों ने इस मुद्दे को उठाया. इस बार राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म बधाई दो ने एक नए कॉन्सेप्ट पर फिल्म बनाई है. दरअसल इस फिल्म में Lavender Marriage की बात की गई है. तो चलिए आज आपको इस फिल्म और लैवेंडर मैरिज के बारे बताते हैं.
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर अभिनीत, फिल्म के ट्रेलर से पता चलता है कि कैसे एक समलैंगिक पुरुष और समलैंगिक महिला एक से छोटे शहर में एक-दूसरे से शादी करने के लिए सहमत होते हैं. रिलीज होने के बाद से ही ट्रेलर को आशाजनक समीक्षा मिली है. फिल्म में राजकुमार राव ने एक पुलिसकर्मी की भूमिका निभाई है, जो कि समलैंगिक हैं. वहीं भूमि पेडनेकर ने पीटी टीचर की भूमिका निभाई है, और वो भी समलैंगिक हैं. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे ये दोनों अपनी सच लोगों से छुपाने के लिए एक दूसरे से शादी करने का फैसला करते हैं. इस तरह की शादी को लैवेंडर मैरिज कहते हैं.
क्या है लैवेंडर मैरिज?
लैवेंडर मैरिज उसे कहते हैं जब दो समलैंगिक लोग आपसी सहमति से एकदूसरे से शादी कर लेते हैं. शादी करने की वजह कुछ भी हो सकती है. चाहें वो समाज या परिवार का दबाव हो या कुछ और ज्यादातर लोग समाज और परिवार से ये बात छुपाने के लिए ऐसा विवाह करते हैं. इसमें शर्त यही होती है कि लड़का और लड़की को अपने पार्टनर्स के साथ रहने की आजादी होती है.
क्या है इसका इतिहास?
यह शब्द द्वितीय विश्व युद्ध से पहले का है, 20 वीं शताब्दी का हॉलीवुड, जब सार्वजनिक हस्तियां अपनी यौन वरीयताओं को छिपाती थीं, क्योंकि वहां ये वर्जित था. हॉलीवुड के शुरुआती दिनों में मशहूर हस्तियां, फिल्म उद्योग में एक स्थिर करियर बनाने के लिए, सीधे होने और शादी करने का आभास देती थीं. लैवेंडर रंग, सदी के अंत के आसपास, अक्सर समलैंगिकता से जुड़ा था. इसलिए हॉलीवुड ने विषमलैंगिकता के मुखौटे को बनाए रखने के लिए अरेंज मैरिज को कवर करने के लिए शब्द अपनाया गया.