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When Benegal Met Nehru: जब अपने फेवरेट पंडित नेहरू से पहली बार मिले थे श्याम बेनेगल.... पढ़िए दिवंगत फिल्ममेकर के जीवन का यह किस्सा

90 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले बेनेगल पंडित नेहरू की शख्सियत को पसंद करते थे. और अपनी युवावस्था में उन्हें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री से मिलने का मौका भी नसीब हुआ था. 

पैरेलल सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बेनेगल  ने बड़े पर्दे से लेकर टीवी तक कई फिल्में, सीरियल और डॉक्युमेंट्री बनाईं लेकिन उनके जिस काम ने सबसे ज्यादा भारतीय दर्शकों तक पहुंच बनाई, वह था उनका धारावाहिक 'भारत एक खोज.' 

बेनेगल ने 53 एपिसोड का यह धारावाहिक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawaharlal Nehru) की किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (Discovery of India) पर बनाया था. बेनेगल पंडित नेहरू की शख्सियत को पसंद करते थे. और अपनी युवावस्था में उन्हें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री से मिलने का मौका भी नसीब हुआ था. 

जब पंडित नेहरू से मिले थे श्याम बेनेगल
श्याम बेनेगल पंडित नेहरू से पहली बार एक यूथ फेस्टिवल में मिले थे. वह वहां पंडित नेहरू से मिलने की उम्मीद नहीं कर रहे थे, लेकिन उनकी मौजूदगी ने युवा बेनेगल को काफी प्रभावित किया था. अनफिल्टर्ड बाई समदीश नाम के चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में बेनेगल पंडित नेहरू के साथ अपनी पहली मुलाकात का खुलासा करते हैं.
 

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Shyam Benegal
बेनेगल ने 'भारत एक खोज' दूरदर्शन के लिए डायरेक्ट किया था.

बेनेगल बताते हैं, “1950 के दशक के बीच में वह बिना बताए एक यूथ फेस्टिवल में आए और मैं उनसे वहीं मिला. वह उस समय प्रधानमंत्री थे. उन्हें युवा लोग बहुत पसंद थे. हम युवा महोत्सव में एक लंबी लंच टेबल पर बैठे थे. उन्होंने पूछा कि क्या वह हमारे साथ शामिल हो सकते हैं? फिर वह हमारे साथ शामिल हुए. उनका आकर्षण बहुत ज़्यादा था. उनकी इसी आदत की वजह से लोग उनसे प्यार करते थे.” 

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह नेहरू से प्यार करते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “हां बिलकुल. वरना मैं 'भारत एक खोज' क्यों बनाता?” 

बेनेगल ने नेहरू पर बनाई थी डॉक्युमेंट्री
श्याम बेनेगल ने न सिर्फ पंडित जवाहरलाल नेहरू की किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया को नाट्य रूप दिया था, बल्कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन पर एक डॉक्युमेंट्री भी बनाई थी. उन्होंने इस अंग्रेजी भाषा की डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्देशन यूरी एल्डोखिन के साथ मिलकर किया था. 

बेनेगल हालांकि अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं, लेकिन उनके काम ने भारतीय सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी है. बेनेगल को पैरेलल सिनेमा में उनके काम के लिए खूब सराहा भी गया. उन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.