
नीलगिरि की पहाड़ियों के बीच, ऊटी में हरे-भरे सौंदर्य के आसपास बसा एक हाथियों का देश है. थेप्पाकडू एलीफेंट कैंप (Theppakadu Elephant Camp) उन जंगली हाथियों के निवास स्थानों में से एक है जहां एक से एक शरारती और जंगली हाथी आते हैं और जिन्हें ट्रेन करके शालीन और सज्जन बनाया जाता है. यही वो जगह है जहां ऑस्कर विनर शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स (The Elephant Whisperers) की शूटिंग की गई थी. यह अब तक की पहली इंडियन प्रोडक्शन फिल्म है जिसने भारतीय फिल्मों के इतिहास में एक स्वर्णिम चिह्न बनाते हुए अकादमी पुरस्कार प्राप्त किया है.
मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर एशिया का सबसे पुराना हाथी शिविर है. यह लगभग 105 साल पहले स्थापित किया गया था और तब से यहां कई जंगली हाथियों का ध्यान रखने के साथ उन्हें ट्रेन करने का काम किया जा चुका है. ऐसे में हाथियों के कैंप से बेहतर शूट लोकेशन और क्या हो सकती थी?
थेप्पाकडू हाथी शिविर
दक्षिण की खूबसूरती के बारे में कुछ ऐसा है जो आपका मन मोह लेता है. नुक्कड़ के लोग, संस्कृति और कहानियां विविध भारतीय ताने-बाने को एक साथ बांधती हैं. मोयार नदी के तट पर स्थित इस कैंप में वर्तमान में 28 हाथी हैं. महावतों का एक समर्पित समूह इन हाथियों को प्रशिक्षण और देखभाल प्रदान कर रहा है. मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व, जिसका थेप्पकडु हाथी शिविर हिस्सा है में स्वदेशी कट्टुनायकन जनजातियों की अच्छी आबादी है, जिनसे बॉमी और बेली (डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए कपल्स) संबंधित हैं.
थेप्पाकडू हाथी शिविर दुष्ट हाथियों का पुनर्वास करता है जो मानव बस्तियों में प्रवेश करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं. इन हाथियों को इन शिविरों में उचित प्रशिक्षण दिया जाता है और कुम्की हाथियों में परिवर्तित किया जाता है.
कई हाथियों को किया ट्रेन
यहां के हाथियों को महावतों द्वारा पाला और प्रशिक्षित किया जाता है. महावत किरुमारन और वसीम ने जीवन भर कहानियों को आश्रय दिया है जहां उन्होंने इन हाथियों के जीवन को बेहतर के लिए बदल दिया है. ऐसा ही एक हाथी है मूर्ति, जो करीब 22 लोगों की मौत का कारण बना लेकिन अब 12 साल के प्यार और कोमल प्रशिक्षण के बाद वह एक लंबा सफर तय कर चुका है. किरुमारन और उनके तरीकों की प्रशंसा की जाती है क्योंकि हाथियों को पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन के दौरान धातु की जंजीरों को रस्सियों में बदलने वाले वही थे. इंसानों की तरह, जानवरों को भी विश्वास बनाने और उस बंधन को बनाने में सक्षम होने के लिए भावनात्मक उपलब्धता की आवश्यकता होती है.
किस बारे में है फिल्म
कार्तिकी गोंजाल्विस (Kartiki Gonsalves)द्वारा निर्देशित और गुनीत मोंगा (Guneet Monga)द्वारा निर्मित, ऑस्कर विनर इस डॉक्यूमेंट्री को इसी शिविर में शूट किया गया है. फिल्म की निर्देशक, कार्तिकी गोंसाल्विस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए पांच साल तक मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में रहीं उनकी इस जीत ने इस तपस्या को पूरा कर दिया है. ऐतिहासिक जीत के बाद से, कई लोग पहले से ही यहां आना शुरू कर चुके हैं.
ऊटी दक्षिण का एक खूबसूरत और शांत हिल स्टेशन है. रोज गार्डन, ऊटी बोट हाउस, कई झीलों की यात्रा करने और यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के लिए आप यहां आ सकते हैं. जब भी आप ऊटी की यात्रा की योजना बना रहे हों, तो इस खूबसूरत प्रकृति के शिविर को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करें. यहीं पर बेबी हाथी रघु रहता है जिसकी कहानी आपने फिल्म में देखी और उसकी कहानी को ऑस्कर मिला.