
अमेजन प्राइम (Amazon Prime)वीडियो की मच अवेटेड सीरीज मेड इन हेवन 2 (Made in Heaven 2) का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. इसके पहले सीजन ने दर्शकों के दिल में अपने लिए खास जगह बनाई थी जिसके बाद से ही इसकी दूसरी सीरीज का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अब एक बार शोभिता धूलिपाला और अर्जुन माथुर अपनी पूरी टीम के साथ शादी के बिजनेस में धमाल मचाने के लिए तैयार हैं. सीरज 10 अगस्त को स्ट्रीम होगी. सीरीज में मोरल इश्यूज, पर्सनल स्ट्रगल और कॉम्पलेक्स रिलेशनशिप्स के मुद्दों को उजागर किया गया है. उम्मीद है कि पहले सीजन के मुकाबले दर्शकों को इस सीजन में ढेर सारा ड्रामा, इमोशंस और सस्पेंस देखने को मिलेगा.
स्टारकास्ट पहले वाली रखी गई है. लीड रोल में शोभिता, अर्जुन माथुर, कल्कि कोचलिन, जिम सरभ, शशांक अरोड़ा, शिवांगी रस्तोगी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ नए और बड़े चेहरे भी जोड़े गए हैं. इनमें राधिका आप्टे, मृणाल ठाकुर, मोना सिंह, इश्वाक सिंह, त्रिनेत्रा हलदर, शिबानी दांडेकर, दिया मिर्जा के नाम हैं. आज बात करेंगे त्रिनेत्रा हलदर की.
पेशे से डॉक्टर हैं त्रिनेत्रा
त्रिनेत्रा हलदर गुम्माराजू, एक ट्रांसजेंडर महिला हैं जो पेशे से एक डॉक्टर हैं. वह इस सीरज से डेब्यू करने वाली हैं. त्रिनेत्रा, उर्फ ट्रिंट्रिन, जैसा कि उनके सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है, एक सोशल मीडिया पर्सनैलिटी हैं. उनका इंस्टाग्राम हैंडल उनकी बेहचरीन तस्वीरों से भरा हुआ है जहां वह एक ट्रांस-महिला के रूप में अपनी जर्नी, अपनी लिंग परिवर्तन सर्जरी (gender-affirmation surgery)और कई चीजों के बारे में बात करती नजर आती हैं. त्रिनेत्रा हलदर पेशे से एक डॉक्टर हैं और वह पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर हैं. तमाम मुश्किलों को पार कर वह कर्नाटक की पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनीं थी. त्रिनेत्रा लाखों लोगों के लिए मिसाल हैं. त्रिनेत्रा का जन्म बेंगलुरु स्थित उनके घर पर हुआ था जहां वो अंगद गुम्मराजू के नाम से जानी जाती थीं. उन्होंने शुरुआती दिनों में कई मुश्किलों का सामना किया. शुरुआती दिनों में वह अपनी मां की साड़ी पहनकर और मेकअप करके घर में घूमती थीं. हालांकि तब उनकी इस हरकत को बचपन की बेवकूफी समझकर इसे नजरअंदाज किया गया था. लेकिन बाद में जब इन चीजों में कोई बदलाव नहीं आया तो कई परेशानियां सामने खड़ी हुई थीं.
पढ़ाई में काफी शानदार थीं
त्रिनेत्रा इस समय 26 साल की हैं. उन्होंने 21 साल की छोटी उम्र में लिंग परिवर्तन सर्जरी करवाई थी. तब से वह दूसरों के लिए आवाज बन गईं और अपनी यात्रा के उतार-चढ़ाव को अक्सर शेयर करती रहती हैं. अपने सपनों को पूरा करते हुए, वह कर्नाटक की पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गईं. एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर के रूप में वो अपने पलों को भी अक्सर शेयर करती रहती हैं. त्रिनेत्रा पढ़ाई में काफी शानदार थीं और वह अक्सर ही स्कूल की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में भाग लिया करती थीं. स्कूल के शुरुआती दिनों में उन्होंने काफी मुश्किलें झेली, लोगों ने स्वीकार नहीं किया. लेकिन माता पिता का सपोर्ट मिलने से उन्हें कुछ चीजों में आसानी रही. वहीं,12वीं तक जाते जाते चीजें बेहतर होने लगी थीं. त्रिनेत्रा ने अपने कॉलेज की पढ़ाई कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज से की है.
त्रिनेत्रा एक डॉक्टर होने के अलावा एक समाजसेवी कार्यकर्ता भी हैं. वह भारत में LGBTQIA के द्वारा चलाए गए ग्रुप से जुड़ी हुई हैं. वह अक्सर ही स्वास्थ संबंधी, असमानताओं, शारीरिक विकृति आदि को लेकर अभियान चलाती हैं. इसके अलावा वो कई मैगजीन के फैशन कवर पर भी नजर आ चुकी हैं. उन्होंने अपने इस ट्रांसफॉर्मेशन पर हमेशा खुलकर बात की है.
कैसे मिला ये ऑफर
आउटलुक के साथ एक इंटरव्यू में, त्रिनेत्रा ने इस बात का खुलासा किया कि उन्हें ये किरदार कैसे मिला. त्रिनेत्रा ने कहा, “मैंने अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप की शुरुआत में ‘मेड इन हेवन 2’ के लिए ऑडिशन दिया था. मैंने इसे आज़माया क्योंकि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. इंडस्ट्री में मेरा कोई संपर्क नहीं था. जब यह काम कर गया, तो मैं इस पर विश्वास नहीं कर सकी, और मुझे अब भी नहीं लगता कि मैं ऐसा कर सकती हूं. मुझे अभिनय के क्षेत्र में एक लंबा सफर तय करना है, और मैं कहानियां बताने और उन्हें जीवंत अनुभव के लिए प्रामाणिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं. मुझे नहीं पता कि मेरी इस परफॉर्मेंस को कैसी प्रतिक्रिया मिलेगी, लेकिन जिस बात पर मुझे बहुत गर्व है, वह यह है कि मैंने इसके लिए ऑडिशन दिया था.''
अपने किरदार की खासियत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “इस किरदार के माध्यम से, मैं चाहती हूं कि लोग यह देखें कि ट्रांस महिलाएं महिलाएं हैं, और इस तरह का व्यवहार किए जाने के हर अधिकार की हकदार हैं. आम तौर पर ट्रांस लोग इंसान हैं, और हम अवसर, प्यार, सम्मान, सफलता के पात्र हैं. ऐसे देश में जहां हममें से 99% को अपनी बॉयोलॉजिकल फैमिली द्वारा त्याग दिया जाता है, मैं चाहती हूं कि समाज यह देखे कि थोड़ी सी स्वीकृति बहुत आगे तक जाती है.