कोरोना महामारी ने लगभग तीन साल पहले हमारे हम सब के जीवन में दस्तक दी थी. इसी के साथ देशभर में लॉकडाउन का सिलसिला शुरू हो गया था. लॉकडाउन के कारण जब सिनेमाघरों पर ताले पड़े तो ओटीटी की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी. ओटीटी की पॉपुलैरिटी बढ़ने का फायदा जीतना फायदा कलाकारों को मिला, उतना ही फायदा इन वेब स्टोरी लिखने वाले राइटरों को भी मिला है.
कोरोना की वजह से मिली ओटीटी को पॉपुलैरिटी
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि जिस वक्त ओटीटी पर वेब सीरीज पॉपुलर नहीं होती थी उस वक्त राइटरों को मुश्किल से 20-25 हजार रुपए मिलते थे, पर अब जब ओटीटी की पॉपुलैरिटी आसमान छु रही है. ऐसे में राइटर्स के पैसे भी कई गुणा बढ़ गई है. इसको ऐसे समझा जा सकता है कि आज के समय में जब इन सीरीजों को सफलता मिल जाती है तो राइटरों को एक-एक वेब सीरीज के 10 से 15 लाख रुपए तक मिल जाते हैं.
ओटीटी की वजह से राइटरों को मिलते हैं अच्छे पैसे
ज्यादातर वेब सीरीज में 8 से 10 एपिसोड होते है, इसका मतलब है कि राइटर को एक एपिसोड के 1 से 1.5 लाख रुपए मिलते हैं. यहां तक की राइटर की तनख्वाह सीरीज की लागत से भी तय होती है. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की मानें तो एक सीरीज अगर 20 से 25 करोड़ में बनती है तो उसके राइटर को लगभग 70 से 75 लाख रूपए तक मिलते हैं. इनमें कहानी लिखने वाले, डायलॉग लिखने वाले और स्क्रीनप्ले लिखने वाले राइटर शामिल हैं.
सुपरस्टार के चंगुल से छूट चुके हैं राइटर
भास्कर के हवाले से रंग दे बसंती और सौदागर जैसी फिल्में लिखने वाले कमलेश पांडे बताते हैं कि सेक्रेड गेम्स के राइटर को 10 लाख रुपए दिए गए थे. कमलेश ने बताया कि उन्हें भी एक फिल्म के लिए लगभग इतने की रुपए ऑफर किए गए हैं. वो आगे कहते हैं कि ओटीटी की वजह से राइटरों को सुपरस्टार के नखरे नहीं उठाने पड़ते हैं. आज के समय में राइटरों को ये मजबूरी नहीं रही की स्टार को पसंद नहीं आएगा तो आगे नहीं बढ़ेगा.
कांटेंट के बूते चल रही है ओटीटी
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि आज के समय में ओटीटी कंटेंट के भरोसे चलता है. यही वजह है कि आज के समय में आम चेहरे भी सीरीज में हिट हो रहे हैं. आज कल ऑडियंस एक्टर, डायरेक्टर या प्रोड्यूसर की जगह सिर्फ कहानी पर ध्यान देते हैं. उनका कहना है कि अगर वेब सीरीज 3 से 4 करोड़ के बजट में बनती है तो उसके राइटर को 15-20 लाख रुपए मिलते हैं.