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Yash Chopra Birth Anniversary: रोमांस के रंग को फिल्मों में पिरोया, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान जैसे एक्टर्स को बनाया सुपरस्टार, बचपन से ही था फिल्मों का जुनून

रोमांस को फिल्मों से रुबरू करवाने वाले यश चोपड़ा ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, रोमांस किंग शाहरुख खान और सुपरस्टार राजेश खन्ना को एकटर्स से स्टार बना दिया था. आज उनके जन्मदिवस पर उनके जीवन से जुड़े दिलचस्प किस्से जानिए.

यश चोपड़ा यश चोपड़ा
हाइलाइट्स
  • अमिताभ बच्चन को बनाया महानायक

  • बचपन से ही फिल्में बनाने का जुनून

आज बॉलीवुड में रोमांस के कई नाम हैं. शुरुआत से लेकर अब तक देखें, तो राजेश खन्ना, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन जैसे नामों को रोमांस के साथ जोड़ा जाता है. लेकिन राजेश खन्ना को सुपरस्टार, शाहरुख को किंग ऑफ रोमांस और अमिताभ बच्चन को महानायक बनाने के पीछे जो चेहरा है, वो है यश चोपड़ा का. अपने 53 साल के फिल्मी करियर में यश चोपड़ा ने कई बदलते जॉनर, कई दौर, कई बड़े अभिनेता और कई सितारों को बनते टूटते देखा.

हिंदी सिनेमा को दुनिया में पहचान दिलाने वाले यश चोपड़ा को बॉलीवुड के कुछ सबसे बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक माना जाता है. जिंदगी में कई बार लोग जिस थ्रिल, प्यार और एक्शन की लो सिर्फ अपने जीवन में कल्पना करते हैं, उसे यश चोपड़ा ने बड़ी ही खूबसूरती से सुनहरे पर्दे पर दिखाया है, और लोगों का खूब मनोरंजन किया है. एक तरफ इन्होंने दीवार, लम्हे, डर जैसी कल्ट क्लासिक फिल्में बनाई तो दूसरी तरफ राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी, शाहरुख खान को एक्टर से सुपरस्टार बनाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. अपने इस योगदान के लिए उन्हें अभी तक अवार्ड से नवाजा गया है. जिसमें दादा साहेब फाल्के, पद्म भूषण, 7 नेशनल अवॉर्ड, 12 फिल्मफेयर समेत कई अवॉर्ड्स शामिल हैं. 1959 में धूल का फूल से शुरू हुई निर्देशन का सफर 2012 में जब तक है जान पर आकर खत्म हुआ. आज यश चोपड़ा का जन्मदिवस है, तो इस मौके पर चलिए आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से सुनाते हैं.

बचपन से ही फिल्में बनाने का जुनून
8 भाई-बहनों में सबसे छोटे यश को बचपन से फिल्मों से बड़ा लगाव था. जब भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद परिवार लुधियाना आया तो यश चोपड़ा भी भाई के साथ बॉम्बे पहुंच गए. बड़े भाई बीआर चोपड़ा हिंदी फिल्मों का निर्देशन करते थे तो छोटे भाई ने उन्हीं को असिस्ट करना शुरू कर दिया. पहली बार 1959 में उन्हें धूल का फूल डायरेक्ट करने का मौका मिला. उसके बाद उनकी दूसरी फिल्म 1961 में धर्मपुत्र रही. धीरे-धीरे यश चोपड़ा का काम लोगों को पसंद आने लगा और उनके खाते में बड़े प्रोड्यूसर की फिल्में आने लगीं.

रोमांस के रंग को फिल्मों में पिरोया
फिल्मों में सरसों के लहराते खेतों में शिफॉन की साड़ी में लिपटी हीरोइन और रोमांटिक सा बैकग्राउंड म्यूजिक, हिंदी फिल्मों में को इन सभी चीजों से परिचित कराने का श्रेय भी यश चोपड़ा को जाता है. यश चोपड़ा ने फिल्मों में कई एक्सपेरिमेंट किए हैं. तभी को हिंदी सिनेमा की पहली मल्टीस्टारर फिल्म "वक्त" भी उन्हीं के निर्देशन में बनी है. जब सिर्फ गाने की वजह से फिल्में हिट हो जाती थी, उस वक्त चोपड़ा ने राजेश खन्ना और नंदा के साथ इत्तेफाक फिल्म बनाई. इस फिल्म में न तो कोई गाना था और न ही इंटरवल. इन दोनों फिल्मों के लिए यश चोपड़ा को बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.

अमिताभ बच्चन को बनाया महानायक
1970 में यश चोपड़ा ने भाई का साथ छोड़ा और अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म खोल लिया. इस प्रोडक्शन की तीसरी फिल्म दाग रही जिसके लिए यश चोपड़ा को तीसरी बार बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला. उसके बाद फिल्म आई दीवार. ये वहीं फिल्म है जिसका डायलॉग मेरे पास मां है, हर किसी की जुबान पर रहता है. दीवार के बाद यश चोपड़ा ने अमिताभ के साथ त्रिशूल, कभी-कभी, सिलसिले फिल्म बनाई. इन फिल्मों ने अमिताभ को स्टार बना दिया. यश चोपड़ा की ज्यादातर फिल्में सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी है. शायद बहुत कम लोग ये बात जानते हैं पर जावेद अख्तर ने इन्हीं के कहने पर गाने लिखना शुरू किया था.

शाहरुख से कुछ इस तरह हुई मुलाकात
डर फिल्म के लिए यश चोपड़ा एक विलेन को ढूंढ़ रहे थे. लेकिन उस वक्त वो अजय देवगन को फिल्म में बतौर विलेन लेना चाहते थे. लेकिन अजय की डेट्स नहीं मिलीं. उसके बाद यश चोपड़ा ने आमिर खान से बात की. लेकिन आमिर ने फिल्म में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. बाद में ये रोल शाहरुख की झोली में गया. इस फिल्म से शाहरुख को काफी पॉपुलैरिटी मिली, वहीं यश को नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. इस फिल्म में बनी शाहरुख और यश की जोड़ी ने फिर कई सारी रोमांटिक फिल्में बनाई. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, वीर-जारा, रब ने बना दी जोड़ी में साथ काम किया. यहां तक की यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म जब तक है जान में शाहरुख ही थे. डर में फिल्म में एक और खास बात ये है कि यश जूही चावला से पहले श्रीदेवी को लेना चाहते थे. लेकिन श्रीदेवी ने इसे करने से मना कर दिया था. 

सिलसिला के लिए जया और राखी को मनाया
सिलसिला के लिए यश चोपड़ा शुरुआत से ही जया और रेखा को लेना चाहते थे, लेकिन उनके मन में ये डर था, कि कहीं इस बात से अमिताभ बच्चन को दिक्कत न हो. जिस वजह से उन्होंने मन मारकर फिल्म में परवीन बाबी और स्मिता पाटिल को कास्ट कर लिया. जब ये बात बताने वो अमिताभ बच्चन के पास पहुंचे तो अमिताभ पूछ बैठे कि क्या ये आपकी आइडियल कास्टिंग है. मौका पाते ही यश ने जया और रेखा का नाम सामने रख दिया. जिस पर अमिताभ बोले की मुझे कोई दिक्कत नहीं लेकिन आपको दोनों को इसके लिए मनाना होगा. आखिरकार यश ने जया और रेखा दोनों को मना लिया.

राजेश खन्ना की मदद से बनाई फिल्म "दाग"
दाग बतौर प्रोड्यूसर यश चोपड़ा की पहली फिल्म थी. इस फिल्म को खरीदने के लिए कोई डिस्ट्रीब्यूटर भी राजी नहीं था. ऐसे में राजेश खन्ना ने यश चोपड़ा का साथ किया और कहा कि जब तक लागत नहीं निकल आएगी वो इस फिल्म की फीस नहीं लेंगे. फिल्म को को-एक्ट्रेस राखी और साहिर लुधियानवी ने भी यही किया. कई लोगों ने यश को फिल्म फ्लॉप होने की बात कही थी. साथ ही सलाह भी थी कि फिल्म का ज्यादा प्रमोशन करना बेवकूफी होगी. इसलिए फिल्म को सिर्फ 9 थिएटर में रिलीज किया गया. अगले ही दिन फिल्म को कई स्क्रीन मिलने लगीं और फिल्म हिट हो गई. इस फिल्म को लेकर यश चोपड़ा हमेशा ही राजेश खन्ना के शुक्रगुजार रहे. कहा तो ये भी जाता है कि यश चोपड़ा अपने नाम में राजेश खन्ना का राज लगाया करते थे.