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काशी में बसते हैं त्रिनेत्रधर गणपति, गंगा से भी पुरातन है दिव्यधाम! देखें प्रार्थना हो स्वीकार

काशी भगवान शिव की राजधानी है. भगवान शंकर कल्याण स्वरूप हैं और त्रिनेत्रधारी भी. कहते है कि शंकर की तीसरी आंख खुल गई तो प्रलय निश्चित होता है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले बनारस में गंगा के तट पर गणपति का ऐसे दरबार है जिसमें गणपति अपने पिता देवाधिदेव महादेव की तरह त्रिनेत्र अवतार में विराजमान हैं. लोहाटिया इलाके के इस गणपति दरबार में गणपति बड़ा गणेश नाम से पूजित हैं. मान्यता है कि काशी के इस दरबार में विराजित गणपति काशी में स्थापित 56 विनायकों के स्वामी हैं. इसीलिए इनको माहाराज विनायक नाम से भी पूजा जाता है. 40 खंभों पर स्थापित ये सिद्ध धाम उस दौर की निशानियां भी समेटे है जब भारत में मुगलों की अंत हो रहा था और माराठा पेशवा सरदारी तेजी से उभर रही थी. देखें प्रार्थना हो स्वीकार.

Kashi is the capital of Lord Shiva. In Varanasi's Bada Ganesh darbar Lord Ganesha gives blessing to his devotees in Trinetradhar Avtar. As per saying temple is as old as the Ganga. Devotees gathered for the prayer, at a large scale here. Watch Good News Today's special show Prarthna Ho Sweekar.