दिल्ली एनसीआर में गिरता वाटर लेबल चिंता का विषय बना हुआ है. इसे सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें पूरी कोशिश करने में जुटी हैं. जल का मुख्य श्रोत नदी, तालाब और कुंआ ही हुआ करता था. लेकिन समय के साथ-साथ पानी के अधिकतर श्रोत सूख चुके हैं. जो बचे हैं, वो भी सूखने के कगार पर खड़े है.
ऐसे में गाजियाबाद के रहने वाले रामवीर तंवर नाम के शख्स ने पानी से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाने के साथ जलीय जीव जंतुओं को भी नया जीवन देने का प्रयास किया है. रामवीर इंजीनियर है, लेकिन नौकरी छोड़कर पूरी तरह से गंदे तालाबों को साफ-सफाई करने में जुटे हैं. लोग पॉन्ड मैन के नाम से जानते हैं.
रामवीर तंवर ने बताया कि उनके गांव में तालाब और जल श्रोतों की स्थिति बहुत खराब रहती थी. कॉलेज के दिनों में उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर जल सरक्षण और भू जल को रिचार्ज करने के लिए अभियान चलाया था.
पॉन्ड मैन में मशहूर रामवीर तंवर बताते हैं कि अगर किसी तालाब का पानी खराब हो जाता है, तो वो पानी में रहने वाले जीव जंतु को तो नुकसान होता है. आसपास रहने वाले लोगों को भी डेंगू, मलेरिया इत्यादि बीमारी का खतरा रहता है, लेकिन वो पिछले 4 साल से लगातार लगभग 30 तालाबों को ठीक कर चुके हैं.
गांव वालों का कहना है कि एक समय पर यहां पर कूड़े का ढेर लगा रहता था. लेकिन रामवीर और उनके साथियों के प्रयास से सुंदर तलाब बन गया है. इससे गांव को काफी फायदा पहुंच रहा है. गाजियाबाद नगर निगम का इस काम में बड़ा योगदान रहा है.
रामवीर तंवर का कहना है कि उन्होंने ने इस काम को पूरी तरह से अपना लिया है. 14 लोग है, जो परमानेंट जुड़े हुए हैं. जिसको सीधे तौर पर रोजगार मिला हुआ है, लेकिन सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिसको अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. जैसे मछली पालन, पानी का सिंघाड़ा, कमल के फूल का व्यापार इत्यादि.
तंवर का कहना है कि कि हमें अपने जल श्रोत को ठीक करने के लिए सरकार के भरोसे पर नहीं रहना चाहिए. इसके लिए हमें खुद से भी प्रयास करने चाहिए.