कोरोना काल से पहले नवरात्रि का रंग-रूप गुजरात में कुछ अलग ही हुआ करता था. कोरोना काल के बाद की स्थिति अलग है. उत्सव तो है लेकिन उत्सव पर कोरोना की छाया है. यही वजह है कि अब गरबा खेलने वाली लड़कियां कोरोना पर टैटू बनवाकर लोगों को संदेश दे रही हैं कि लोग पहले सुरक्षित रहें, गरबा फिर खेलेंगे.
कोरोना काल से पहले गुजरात में हुई तमाम नवरात्री उत्सव की तस्वीरें आपने किसी ना किसी माध्यम से देखी ही होंगी. अब तस्वीरें बदल गई हैं. गुजरात में नवरात्रि में 9 दिनों तक धूम देखने को मिलती है. यहां के पारंपरिक नृत्य गरबा का क्रेज दुनियाभर में है. गरबा और डांडिया का क्रेज फिल्मों से लेकर शहरों तक पर झलकता है. कोरोना ने काफी कुछ इस बार बदल दिया है.
कोरोना से पहले हर साल नवरात्रि के वक्त गरबा डांडिया खेलने जाने वाले कलाकार इसके जरिए कोई न कोई संदेश जरूर देते थे. डांडिया के जरिए लोगों को सामाजिक संदेश दिया जाता था. संदेश इस बार भी दिया जा रहा है लेकिन तरीका बदल गया है. राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से इस बार गरबा खेलने की इजाजत सीमित संख्या में दी है.
इस बार के गरबा फेस्टिवल में सीमति लोग ही गरबा खेलेंगे. लोगों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा, वहीं ज्यादा भीड़ जमा करने की इजाजत भी नहीं है. ऐसे में कलाकारों ने एक बार फिर अपने शरीर पर टैटू बनवाकर लोगों को संदेश दिया है कि कोरोना काल में सुरक्षा सबसे जरूरी है.
सूरत के टैटू आर्टिस्ट मोनिक पटेल इवेंट बेस्ड लोग टेटू बनाने के लिए जाने जाते हैं. लोग बड़ी संख्या में उनके पास टैटू बनवाने आते हैं. कोरोना से पहले भी लोग इनके पास सामाजिक विषयों पर टैटू बनवाने आते हैं. इस बार भी लोग कोरोना पर जागरूकता को लेकर टैटू बनवा रहे हैं.
गरबा खेलने वाले कलाकार इस बार अपने बैक या हाथ पर टैटू बनवा रहे हैं जिसमें कोरोना से बचने का संदेश दिया जा रहा है. साथ ही लोग मां की तस्वीरें भी बनवा रहे हैं. मास्क इंडिया का टैटू भी कुछ लोग बनवा रहे हैं. गरबा खेलने वाली लड़कियां बड़ी संख्या में टैटू बनवाने आ रही हैं. वे भी 'बी सेफ नवरात्रि' का टैटू बनवा रही हैं.
नवरात्रि पर 'बी सेफ नवरात्रि' का टैटू बनवाने वाली श्रेया गाजीवाला और मोनिक पटेल ने कहा कि इस नवरात्रि पर लोगों का सुरक्षित रहना सबसे जरूरी है. लोग कोरोना नियमों से खुद को बचाएं और महामारी को फैलने से रोकें. (इनपुट और तस्वीर: संजय सिंह राठौर)