त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सरकारी कर्मचारियों को न्यू ईयर गिफ्ट दिया है. राज्य के मुख्यमंत्री ने 1 दिसंबर से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (डीआर) में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है. इसके साथ ही राज्य सरकार के कर्मचारियों का डीए 8 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गया है.
80,800 पेंशधारकों को मिलेगा लाभ
इस फैसले से कुल 1,04,600 नियमित कर्मचारी और 80,800 पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे. इसके अलावा अंशकालिक कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि उनका पारिश्रमिक लगभग दोगुना कर दिया गया है. डीए/डीआर में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने से सरकार पर प्रति माह 120 करोड़ रुपये और हर साल 1,440 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा. सरकार की तरफ से की गई यह बढ़ोतरी 1 दिसंबर से लागू होगी.
फरवरी में होने वाले हैं चुनाव
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार ने वेतन ढांचे में संशोधन किया है. इससे लाखों कर्मचारी और उनके परिवार लाभान्वित होंगे. उपमुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मा ने कहा "सरकार का लक्ष्य अधिकतम लोगों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है. हम साहसी कदम उठाकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक मानक स्थापित करना चाहते हैं." बता दें पूर्वोत्तर में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.
क्या होता है डीए?
महंगाई भत्ता या डीए सरकारी कर्मचारी के बेसिक सैलरी का एक निश्चित परसेंट होता है. महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है. हर 6 महीने में डीए बढ़ाया जाता है. रिटायर्ड कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलता है.
कैसे निकालते हैं डीए?
ग्रेड सैलरी और बेसिक सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है. जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डेअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है.