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Rajasthan के रेगिस्तान में आलू उगा मालामाल हुआ किसान! 25 एकड़ खेत में 400 टन आलू की पैदावार

राजस्थान के रेगिस्तान में एक किसान ने कमाल कर दिया. बाड़मेर के एक किसान ने 25 एकड़ खेत में आलू की खेती की. किसान को उम्मीद है कि 400 टन आलू का उत्पादन होगा. इस खेती से 62 महिलाओं को रोजगार भी मिला है.

राजस्थान के बाड़मेर में एक किसान के 25 एकड़ खेत में 400 टन आलू की पैदावार हुई राजस्थान के बाड़मेर में एक किसान के 25 एकड़ खेत में 400 टन आलू की पैदावार हुई

राजस्थान में बाड़मेर के रेगिस्तान में एक किसान ने नए तरीके से आलू की खेती की तो आलू की बंपर पैदावार हुई. तारातरा के किसान विक्रम सिंह की इलाके में खूब चर्चा हो रही है. विक्रम ने करीब 3 महीने पहले 25 एकड़ के खेत में आलू उगाए थे और अब इसकी बंपर पैदावार हुई है. उम्मीद है कि करीब 400 टन आलू का उत्पादन होगा. पहली ही बार में फसल से करोड़ों की आय होगी.

महिलाओं को मिल रहा रोजगार-
खेती में कुछ नया करने के मकसद से किसान विक्रम सिंह ने आलू की खेती शुरू की थी, ताकि स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिले. धीरे-धीरे इसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ती गई. फिलहाल करीब 62 महिलाएं इसमें काम कर रही हैं. विक्रम सिंह का कहना है कि यहां रहने वाली महिलाओं को रोजगार के अवसर के साथ नवाचार की ट्रेनिंग दी जाएगी. उनका कहना है कि घुमंतू वर्ग के लोगों को इस रोजगार से जोड़ा जाएगा, ताकि उनको स्थायी निवास और रोजगार भी मिल सके.

कंपनी से किया था टाई अप- 
बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर तारातरा गांव के रहने वाले किसान विक्रम सिंह ने आलू की खेती के लिए मैंकेन कंपनी के साथ टाई अप किया था. टाई अप के मुताबिक खेत में उगने वाले आलू को विदेशों में ले जाकर फ्रेंच फ्राई तैयार की जाएगी. विक्रम कहते हैं कि जब खेती शुरू की तो शुरुआती दिनों में काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन धीरे-धीरे कंपनी के अधिकारियों की सलाह पर काम करता गया. अब सिर्फ तीन महीने में आलू की बंपर पैदावार हो रही है, तो काफी खुश हूं. पहली बार में करीब 300 से 400 टन पैदावार होने की उम्मीद है.

मॉडल के रूप में विकसित होगा तारातरा फॉर्म-
किसान विक्रम सिंह का जेट्टा फॉर्म मॉडल के तौर पर विकसित होगा. उनका कहना है कि आलू की खेती के लिए नवाचार किया था. लेकिन जिस तरह से बंपर पैदावार हुई है. इस लिहाज से लोगों में आलू की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है. आने वाले समय में आलू की खेती के लिए रेगिस्तान गढ़ होगा. वहीं तारातरा फॉर्म राजस्थान ही नहीं, देशभर में एक मॉडल होगा.

रेगिस्तानी इलाके में अब उगाए जा रहे फल फ्रूट-
पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में एक समय ऐसा था, जब पानी की कमी के कारण किसी तरह की कोई फसल की पैदावार नहीं हो पाती थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में अंजीर, अनार, बेर, आलू समेत कई तरह की फसलें तैयार हो रही हैं. स्थानीय किसानों ने भी नए तरीकों का इस्तेमाल करके पैदावार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. यही कारण है कि रेतीले रेगिस्तान में जहां ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा ही नहीं, कई और भी फसलें पनपने लगी हैं.

(राजस्थान के बाड़मेर से दिनेश बोहरा की रिपोर्ट)

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