सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया टाटा समूह के नियंत्रण में जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा समूह ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बिड जीत ली है. हालांकि सरकार का कहना है कि इसपर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. जब फैसला होगा तो जानकारी दी जाएगी.
एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह ने बोली लगाई थी. यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. साल 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था.
68 साल बाद एयर इंडिया की 'घर वापसी'
Air India के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. सरकार इसी वित्त वर्ष में इस सरकारी एयरलाइंस का प्राइवेटाइजेशन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है. बता दें, Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. टाटा समूह के JRD Tata ने इसकी शुरुआत की थी. वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे.
Tata Sons wins the bid for national carrier Air India. Tata Sons was the highest bidder. Union Home Minister Amit Shah-led ministerial panel has given approval to this bid: Sources pic.twitter.com/99OdR9LXCA
— ANI (@ANI) October 1, 2021
टाटा संस ने जीती बोली
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken. pic.twitter.com/PVMgJdDixS
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 1, 2021
टाटा संस को उठाना होगा करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ
साल 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय के बाद से एअर इंडिया कभी नेट प्रॉफिट में नहीं रही है. एअर इंडिया में मार्च 2021 में खत्म तिमाही में लगभग 10,000 करोड़ रुपए का घाटा होने की आशंका जताई गई. कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज था. लेकिन अब टाटा संस को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ उठाना होगा.