आज के युग में महिलाएं किसी से कम नहीं, तरीकी की जब बात आती है तो, पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं का भी नाम आता है. इस साल प्रमुख संयुक्त सेवा प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश के लिए 14 नवंबर को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों में लगभग एक तिहाई महिलाएं है.
सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक आदेश में महिलाओं के लिए अकादमी के दरवाजे खोले जाने के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा भारत भर के केंद्रों पर आयोजित की जा रही प्रवेश परीक्षा को क्रैक करने का यह उनका पहला प्रयास होगा. सूत्रों के मुताबिक लगभग 5,70,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इनमें से 1,78,000 महिलाएं हैं. बता दें की 66 साल पहले इस फैसले को पारित किया गया था. जिस पर अब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. लगभग तीन दशक बाद महिलाओं को सेना, वायु सेना और नौसेना की चुनिंदा शाखाओं में सेवा करने की अनुमति दी गई है.
जनरल नरवणे ने किया महिलाओं का स्वागत
परीक्षा से 15 दिन पहले, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हर साल लगभग 2,000 कैडेटों की प्रशिक्षण क्षमता रखने वाली खड़कवासला स्थित अकादमी में महिला कैडेटों का स्वागत किया था. एक परेड के दौरान कैड्टस को संबोधित करते हुए नरवणे ने कहा कि महिला कैडेट्स के लिए एनडीए के पोर्टल खुल चुके हैं. हमें महिला कैडेट्स का स्वागत निष्पक्ष और प्रोफेशनल तरीके से करना होगा. नरवणे ने ये भी कहा कि महिलाओं को शामिल करना सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. आज से 40 साल बाद मेरे पद पर कोई महिला अधिकारी होगी. सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि महिला कैडेट अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगी. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम अकादमी में महिला कैडेटों को शामिल करेंगे. इसके परिणामस्वरूप, महिलाएं सशक्त होंगी, और वे अधिक चुनौतीपूर्ण कार्यभार संभालेंगी.
कोर्ट ने जल्द परीक्षा कराने के दिए निर्देश
दरअसल कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि महिलाओं के पहले बैच के स्वागत के लिए अकादमी जनवरी 2023 में तैयार हो जाएगी. उस समय परीक्षा की डेट मई 2022 में होनी तय थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को परीक्षा नवंबर 2021 में कराने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने कहा कि वो परीक्षा में बैठने वाली लड़कियों के आकांक्षाओं को मद्देनजर रखते हुए परीक्षा में विलंभ के आदेश को खारिज कर दिया था.
सेना में बढ़ रही है महिलाओं का स्कोप
सेना में महिलाओं की संख्या लगभग तीन गुना बढ़ गई है. पिछले छह वर्षों में से उनके लिए और अधिक रास्ते खोले जा रहे हैं. फरवरी 2021 तक 9,118 महिलाएं थल सेना, नौसेना और वायु सेना में सेवारत थीं.
17 फरवरी, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सेना में एसएससी महिला अधिकारी स्थायी कमीशन (पीसी) की हकदार हैं और उनकी सेवा की अवधि के बावजूद उन्हें माना जाना चाहिए. पांच महीने बाद, रक्षा मंत्रालय ने उन्हें पीसी देने के लिए औपचारिक मंजूरी पत्र भी जारी कर दिया. आदेश में 10 वर्गों की एसएससी महिला अधिकारियों को पीसी का दी गई थी. सेना में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ 2015 में आया जब भारतीय वायु सेना ने उन्हें लड़ाकू धारा में शामिल करने का फैसला किया. इस साल की शुरुआत में, भारतीय नौसेना ने लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद चार महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर तैनात किया था. हालांकि पैदल सेना में टैंक और लड़ाकू स्थान अभी भी महिलाओं के लिए नो-गो जोन हैं