भारतीय क्रिकेट में जब-जब स्पिनरों की बात होगी तब-तब लेग स्पिनर अनिल कुंबले का नाम सबसे पहले लिया जाएगा. बेंगलुरु में जन्में कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट और 271 वनडे में 337 विकेट लिए हैं. यूं तो किसी भी खिलाड़ी का आकलन उसके आंकड़े देखकर होता है लेकिन जब बात कुंबले की हो तो सिर्फ आंकड़ों से बात खत्म नहीं की जा सकती. कुंबले कई रिकार्ड्स अपने नाम कर चुके हैं लेकिन उनके जैसा जज्बा शायद ही दुनिया के किसी और खिलाड़ी में देखेने को मिले.
कुंबले का नाम विश्व के धुरंधर स्पिनरों में श्रीलंका के मुथैय्या मुरलीधरन और आस्ट्रेलिया के शेन वार्न के बाद लिया जाता है. इस महान खिलाड़ी का आज जन्मदिन है. इस खास मौके पर कुंबले के उन दो रिकार्ड्स के बारे में बात करना जरूरी है जो उनके बेहतरीन खिलाड़ी होने का ही नहीं बल्कि उनके जज्बे का भी परिचय देते हैं. ये दो रिकार्ड ऐसे हैं कि इतिहास में जब भी अनिल कुंबले का जिक्र होगा तो इन दो रिकार्ड्स की चर्चा जरूर होगी.
एक पारी में लिए 10 विकेट
कुंबले टेस्ट मैच की एक पारी के सभी 10 विकेट लेने वाले दो गेंदबाजों में से एक हैं. सात फरवरी 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ अनिल कुंबले ने एक ही पारी में 10 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की थी. इस दौरान दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में कुंबले ने 26.3 ओवर में नौ मेडन ओवर फेंके थे, जिसमें 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे. कुंबले से पहले ये कारनामा 1956 में इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जिम लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कर दिखाया था. आज भी कुंबले का ये रिकार्ड कोई नहीं तोड़ पाया है.
टूटे जबड़े के साथ मैदान में उतरे
2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कुंबले ने टूटे हुए जबड़े के साथ मैदान में उतरकर दुनिया के सामने खेल भावना और समर्पण की मिसाल पेश की थी. एंटीगा टेस्ट में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज मर्व डिल्लन की एक से गेंद से कुंबले का जबड़ा टूट गया था. खून से लथपथ होने के बावजूद कुंबले बल्लेबाजी करते रहे. यही नहीं दूसरी पारी में वे पट्टी बांधकर मैदान में वापस लौटे और अपनी शानदार गेंदबाजी से ब्रायन लारा का विकेट भी लिया.