चीन ने भारत से जारी तनाव के बीच नया सीमा कानून बनाया है. चीन का कहना है कि यह कानून उनके भूमि क्षेत्रों का संरक्षण करेगा. चीन का भारत के साथ पिछले साल सैन्य संघर्ष हुआ था जिसके बाद से दोनों देशों के बीच काफी तनाव पैदा हो गया था. इस कानून को नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने शनिवार को पारित किया. कानून 14 देशों से लगती चीन की जमीनी सीमा पर नियंत्रण करेगा.
यह कानून राज्य में समानता, आपसी विश्वास और मैत्रीपूर्ण परामर्श के सिद्धांत का पालन करेगा. साथ ही पड़ोसी देशों के साथ चले आ रहे विवादों और सीमा मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने में मदद करेगा. चीनी सेना ने कहा कि वो सीमा पर अभ्यास आयोजित करना,अतिक्रमण, उकसावे और अन्य कृत्यों को पूरी तरह से रोकने का कर्तव्यों का पालन करती रहेगी.
देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पवित्र - चीन
चीन का कहना है कि उनके देश की 'संप्रभुता' और 'क्षेत्रीय अखंडता' पवित्र और अहिंसक है. इस वजह से चीन की राष्ट्रीय विधायिका ने भूमि सीमा क्षेत्रों के संरक्षण और शोषण के लिए नया कानून बनाया है. इस कानून से भारत के साथ बीजिंग के सीमा विवाद पर भी असर पड़ सकता है. कानून अगले साल 1 जनवरी से लागू हो जाएगा. भूमि सीमा कानून अनिवार्य रूप से यह नहीं बदलेगा कि सीमा सुरक्षा कैसे संभाली जाती है? हालांकि यह अपनी सीमाओं का प्रबंधन करने की क्षमता में चीन के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.
यदि कोई खतरा पैदा करेगा तो सीमा बंद कर देंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य क्षेत्रीय अखंडता और भूमि की सीमाओं की रक्षा के लिए उपाय करेगा और उन्हें कमजोर करने वाले किसी भी कार्य से बचाव करेगा. सीमा की रक्षा के लिए चीनी सैन्य और सैन्य पुलिस, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स किसी भी आक्रमण,अतिक्रमण, घुसपैठ और उकसावे के लिए जिम्मेदार हैं. चीन ने यह साफ कर दिया है कि यदि कोई युद्ध या अन्य सशस्त्र संघर्ष सीमा सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं तो चीन अपनी सीमा को बंद भी कर सकता है.
भारत और भूटान के साथ चीन का जारी है सीमा विवाद
चीन का अपने पड़ोसियों के साथ हमेशा से सीमा विवाद रहा है. चीन का भारत और भूटान के साथ अभी तक कोई सीमा समझौता नहीं हुआ है,जबकि उसका कहना है कि उसने 12 अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद सुलझा लिए हैं. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में है, जबकि भूटान के साथ चीन का विवाद 400 किलोमीटर की सीमा पर है.