देश में गहराते कोयला संकट के बीच भले ही गृहमंत्रालय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर चर्चा की हो लेकिन पॉवर कट की समस्या से पूरा देश अभी जूझ रहा है. बिहार और यूपी जैसे राज्यों ने ऐलान कर दिया है कि ऊर्जा संकट से उबरने के लिए वैकल्पिक इंतजामों पर जोर दिया जाएगा. वहीं यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि सूबे में रात में बिजली नहीं कटेगी.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली विभाग की बैठक सोमवार को बुलाई थी. उन्होंने कहा है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रात में बिजली नहीं कटेगी. योगी ने बिजली विभाग के अफसरों को भी निर्देश दिया है कि सूबे में बिजली आपूर्ति ठप न होने पाए, इसके लिए लगातार काम किया जाए. बिजली विभाग संकट होने की दशा में अतिरिक्त बिजली भी खरीदे.
अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में बिजली की कटौती को यूपी में विपक्ष मुद्दा भी बना सकता है. योगी सरकार प्राथमिकता से इसे अब दुरुस्त करने में जुटी है. गृहमंत्री अमित शाह ने भी ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ अहम बैठक की, जिसमें बिजली संकट से उबरने पर पर्याप्त चर्चा की गई.
बिजली संकट पर क्या कर रही है नीतीश सरकार?
बिहार में भी बिजली संकट जारी है. कोयले की किल्लत की वजह से बिजली का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की कटौती भी सामने आई है. ऐसे में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मान चुके हैं कि राज्य में जितनी बिजली आपूर्ति की जरूरत है, उस लिहाज से सप्लाई नहीं हो पा रही है.
बिहार में खरीदी जा रही है बिजली
नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि पहले एनटीपीसी और अन्य बिजली कंपनियों से बिजली की आपूर्ति हो जाती थी लेकिन अभी यह प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटी है. दूसरी जगहों से 5500 से 5600 मेगावाट रोजाना की बिजली खरीदी जा रही है.
बिजली कटौती को मजबूर हैं कई राज्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुताबिक इलेक्ट्रिक एक्सचेंज के जरिए बिहार में बीते 5 दिनों में करीब 570 लाख युनिट बिजली खरीदी गई है, जिसकी कीमत करीब 90 करोड़ है. बिजली की मार से सिर्फ बिहार और यूपी नहीं, बल्कि कई राज्य जूझ रहे हैं. ऊर्जा संकट से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई अन्य देश भी जूझ रहे हैं.
भारत में 70 फीसी कोयले से बनती है बिजली
भारत में बिजली का उत्पादन 70 फीसदी तक कोयले से होता है. अगर थर्मल प्लांट्स तक कोयला पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचेगा तो बिजली सप्लाई का ठप होना लाजमी हैं. ऐसे में राज्य सरकारों की चिंता है कि अगर तत्काल कोई उपाय नहीं किया जाता है तो यह त्रासदी बन सकती है.
कई राज्यों में बंद हो गए हैं कई थर्मल प्लांट
कोयला संकट की स्थिति यह है कि महाराष्ट्र में 13 थर्मल पावर प्लांट्स बंद हो गए हैं. पंजाब में 7 थर्मल पावर प्लांट्स बंद हो चुके हैं. केरल में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. बिजली का उत्पादन कई राज्यों में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. पंजाब, झारखंड, बिहार, राजस्थान और ओडिशा जैसे राज्यों में भी बिजली संकट की बात सामने आ रही है. वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने रविवार को दिए गए एक बयान में कहा था कि देश के पास अगले 4 दिनों तक के लिए जरूरत से अधिक कोयला है. ऐसे में जब तक कोयला भंडारण की असली तस्वीर नहीं आएगी, लोगों में बिजली कटौती की आशंका बनी रहेगी.