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Covid Vaccination: जल्द लग सकेगा बच्चों को टीका, 91% तक प्रभावी है Pfizer की वैक्सीन

फाइजर (Pfizer) ने ये अध्ययन ऑनलाइन प्रकाशित किया है. कंपनी के अनुसार, टीके का प्रभाव छोटे बच्चों में वैसा ही देखने को मिला जैसा की 16 से 25 साल की उम्र वाले लोगों में देखा गया था.

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हाइलाइट्स
  • फाइजर ने ये अध्ययन ऑनलाइन प्रकाशित किया है

  • फाइजर ने यह आकलन 2,268 बच्चों पर किए अध्ययन के आधार पर किया है

  • 5 से 11 वर्ष के बच्चों पर किया गया है अध्ययन

पूरी दुनिया आज कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एकजुट हो गयी है. वयस्कों की वैक्सीन बन जाने के बाद अब बच्चों की वैक्सीन आने वाली है. वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि उनकी वैक्सीन करीब 91 प्रतिशत तक प्रभावी है. अगर वैक्सीन को अप्रूवल मिल जाता है तो जल्द ही बच्चों के लिए यह उपलब्ध हो जाएगी. आपको बता दें, ये वैक्सीन 5 से 11 साल तक के बच्चों के लिए होगी. और अगर यह अप्रूव हो जाती है क्रिसमस या साल की शुरुआत से बच्चों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी.

5 से 11 वर्ष के बच्चों पर किया गया अध्ययन

दरअसल, अक्टूबर की शुरुआत में, फाइजर और BioNTech ने एफडीए (FDA) से 5 से 11 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन के अप्रूवल के लिए कहा था. हालांकि जब सितंबर में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल है था तब कोई नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिला था. 5 से 11 वर्ष के लगभग 2,270 बच्चों के ऊपर अध्ययन किया गया था. इसमें हर बच्चे को तीन सप्ताह के गैप पर दो डोज दी गयी और हर शॉट में वयस्कों को जितनी खुराक एक शॉट में दी जाती है उसकी एक तिहाई इन बच्चों को दी गयी.

पब्लिश की गयी रिपोर्ट की मानें, तो यह वैक्सीन 91 प्रतिशत तक 5-12 वर्ष के बच्चों में 91 प्रतिशत तक प्रभावी है. इन बच्चों में इसका कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है. कंपनी के अनुसार, टीके का प्रभाव छोटे बच्चों में वैसा ही देखने को मिला जैसा की 16 से 25 साल की उम्र वाले लोगों में देखा गया था.  

अब आगे क्या?

शुक्रवार को फाइजर द्वारा ये रिपोर्ट पब्लिश की गयी है. हालांकि अभी अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर संबंधी आंकड़ों की समीक्षा करेगा. अगर फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) आखिर में यह फैसला लेगी कि यह टीका किसे दिया जाना है. 

अन्य कंपनियां भी बना रही हैं वैक्सीन 

गौरतलब है कि फाइजर की ये रिपोर्ट तब आयी है जब बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सभी देश सोच विचार कर रहे हैं. मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन बच्चों के लिए वैक्सीन पर अध्ययन कर रहे हैं. वर्तमान में उनके शॉट्स केवल 18 और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए ही है. फाइजर और बायोएनटेक (BioNTech) ने छह महीने से कम उम्र के बच्चों में भी अपने टीके का परीक्षण किया है.

वहीं भारत की अगर बात करें, तो हाल ही में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए जायडस कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी को मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि जायडस कैडिला के जायकोव-डी की उत्पादन क्षमता लगभग 10 करोड़ वैक्सीन डोज सालाना है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के करीब 14 करोड़ बच्चों हैं और इसीलिए इनके टीकाकरण में समय काफी लग सकता है.