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कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मिलेगी 4 हजार रुपये की राशि, ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना की शुरुआत

कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मासिक आर्थिक सहायता राशि 4 हजार रुपये करने की योजना है.  केंद्र सरकार अभी तक 2000 रुपये की राशि अनाथ बच्चों को दे रही थी, लेकिन सरकार इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है. 

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
हाइलाइट्स
  • अनाथ बच्चों को मिलेगी 4 हजार रुपये की राशि

  • ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना की शुरुआत

  • अनाथ बच्चों के लिए सरकार ने उठाय बड़ा कदम

कोरोना वायरस ने दुनिया को वो जख्म दिए हैं, जिनकी भरपाई शायद ही कभी हो पाएगी. जिन बच्चों ने कोरोना की वजह से अपने माता-पिता को खोया है. सरकार उन्हें हर मुमकिन मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटी है. कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मासिक आर्थिक सहायता राशि 4 हजार रुपये करने की योजना है.  केंद्र सरकार अभी तक 2000 रुपये की राशि अनाथ बच्चों को दे रही थी, लेकिन सरकार इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है. 

सहायता राशि को 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार रुपये किया जाएगा

इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है.  बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं,  जहां बच्चे के माता-पिता और परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई, जिससे उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. अनाथ बच्चों की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने मई में 2000 राशि देने का ऐलान किया है. 

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार का बड़ा कदम

कोरोना वायरस महामारी में बहुत कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं. जिसकी वजह से कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. ऐसे में बच्‍चों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना की शुरुआत की. ऐसे बच्चों को 23 साल की उम्र होने पर सरकार 10 लाख रुपये की मदद करेगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके कल्याण की व्यवस्था की जाएगी, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा. साथ ही 23 साल की उम्र पर पहुंचने पर उन्हें 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी. 

‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना की शुरुआत

इस योजना के तहत ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आवेदन देने और सहायता हासिल करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.