

Sukma Free Cycle Scheme: छत्तीसगढ़ के कई गांव नक्सली हमलों से प्रभावित रहे हैं. सुकमा उन क्षेत्रों में से है जो नक्सलवाद का गढ़ रहे हैं. यहां के लोग लंबे वक्त तक नक्सलवाद से प्रभावित रहे हैं. हालांकि अब तस्वीर बदल रही है. तस्वीर बदलने में अहम भूमिका रही है सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की. सीआरपीएफ जिन गांवों का रूप संवार रही है, उनमें से एक है सुकमा का लखनपाल गांव.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लखनपाल गांव (Lakhanpal Village) के लोगों के लिए रोज की आवाजाही भारी परेशानी थी. अब उन्हें राहत है. यहां तैनात सीआरपीएफ बटालियन ने उनकी सुविधा के लिए मुफ्त साइकिल सेवा (Free Cycle Service) शुरू की है. गांव के किसी भी व्यक्ति को अगर कहीं जाने के लिए साइकिल की जरूरत है तो वह सीआरपीएफ की साइकिलें इस्तेमाल कर सकता है.
ग्रामीणों की जरूरत के लिए खुली रहती हैं साइकिल
यहां तैनात सीआरपीएफ के जवान सोनू कुमार बताते हैं कि फोर्स ने कुल छह साइकिलें ग्रामीणों के इस्तेमाल के लिए रखी हैं. साइकिलों का लॉक हमेशा खुला रहता है और जरूरत पड़ने पर कोई भी ग्रामीण इनका इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने कहा, "सर, यहां पर छह साइकिल हैं जो बारी-बारी से ले जाते हैं और इस्तेमाल करते हैं. साइकल खुली रहती है. गांव वाले हमसे मिलकर ले जाते हैं. इस्तेमाल करके यहीं छोड़ जाते हैं."
सुकमा में आई बदलाव की बयार
अब गांव वाले सीआरपीएफ कैंप आकर साइकिल उठाते हैं और जहां जाना है, चले जाते हैं. इस सुविधा का लाभ उठाने वालों में से एक माडवी बुधू भी हैं. उन्हें जब दूर-दराज़ का सफर करना होता है तो वह सीआरपीएफ की साइकिल से चले जाते हैं. सफर पर जाते हुए माडवी बताते हैं, "मैं यह साइकल कैंप से लाया हूं. मुझे बहुत दूर जाना है. मैं खेडवाल से आ रहा हूं और पालागुडु जा रहा हूं."
ये इलाका कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था. सीआरपीएफ की उपस्थिति ने लखनपाल गांव को नक्सलियों की मौजूदगी से तो मुक्त करवाया ही है. साथ ही गांव में बदलाव की बयार भी आ रही है. अब मुफ्त साइकल योजना उसी दिशा में अगली पहल है.