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हिरणों के लिए किसान ने 20 साल से छोड़ी है 45 एकड़ जमीन, जानें मजेदार वजह

70 साल के एक बुजुर्ग ने 20 सालों से अपनी 45 एकड़ जमीन जंगली जानवरों के लिए खाली छोड़ रखी है. तमिलनाडु के अविनाशी शहर के पुदुपलायम में रहने वाले आर.गुरुसामी ने अपने गांव में की जमीन हिरणों के लिए छोड़ रखी है. इस इलाके में अब हिरणों की आबादी 400 से बढ़कर 1200 से ज्यादा हो गई.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
हाइलाइट्स
  • खेत बन गया हिरणों का घर

  • हिरणों की आबादी बन गई है समस्या

तमिलनाडु से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां पर 70 साल के एक बुजुर्ग ने 20 सालों से अपनी 45 एकड़ जमीन जंगली जानवरों के लिए खाली छोड़ रखी है. तमिलनाडु के अविनाशी शहर के पुदुपलायम में रहने वाले आर.गुरुसामी ने अपने गांव में की जमीन हिरणों के लिए छोड़ रखी है. बताया जा रहा है कि इस इलाके में अब हिरणों की आबादी 400 से बढ़कर 1200 से ज्यादा हो गई है. 

हिरणों की आबादी 400 से बढ़कर 1200 हुई

गुरुसामी ने 'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए बताया कि साल 1996 में एक दिन वो खेती करते हुए कुछ चित्तीदार हिरणों को नदी किनारे भटकते देखा. वो मेरे मवेशियों के चरागाह पर चरने लगे फिर बकरियों और गायों के साथ रहने लगे. धीरे धीरे हमारा चारगाह उनका घर बन गया और वो तभी से यहां रहने लगे. 

किसान ने 20 सालों से अपनी 45 एकड़ जमीन हिरणों के लिए छोड़ी 

गुरुसामी ने बताया कि जब भी पानी की कमी हुई तो उन्होंने गड्ढा खोदकर हिरणों को पानी दिया. यहां पर कोई शिकारी नहीं होने कारण हिरणों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है. गांव के किसी ने भी इन जानवरों को लेकर कोई भी आपत्ती नहीं जताई है.   

इकोलॉजिकल असंतुलन पैदा हुआ 

वहीं इलाके के कुछ किसानों का कहना है कि हिरणों की बढ़ती आबादी ने पारिस्थिक (इकोलॉजिकल) असंतुलन पैदा कर दिया है, जो उनकी फसलों के लिए ठीक नहीं है.