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Success Story: जेल प्रहरी के बाद बने सायबर सेल कांस्टेबल, अब MPPSC क्लियर कर बने असिस्टेंट डायरेक्टर

गिरिराज ने बताया कि वह मूल रूप से दतिया जिले के सीतापुर गांव के रहने वाले हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए 12वीं करने के बाद जेल प्रहरी की नौकरी शुरू कर दी थी ताकि परिवार की आर्थिक मदद कर सकें.

Giriraj Parihar Giriraj Parihar
हाइलाइट्स
  • 12वीं के बाद ही शुरू कर दी थी नौकरी

  • ऐसे की MPPSC की तैयारी

MPPSC 2022 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. सफल होने वाले तमाम अभ्यर्थियों में गिरिराज परिहार भी हैं जो वर्तमान में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं लेकिन MPPSC 2022 में 786 अंक हासिल कर असिस्टेंट डायरेक्टर का पद हासिल कर लिया है.

सायबर सेल में काम कर रहे हैं गिरिराज
आजतक से बात करते हुए गिरिराज परिहार ने बताया कि उन्होंने साल 2016 में बतौर जेल प्रहरी अपने करियर की शुरुआत की थी. उसके अगले ही साल 2017 में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद उनकी नौकरी राज्य सायबर सेल में लग गई और तब से वह सायबर सेल में ही काम कर रहे हैं.

12वीं के बाद ही शुरू कर दी थी नौकरी
गिरिराज ने बताया कि उनकी मां का निधन साल 2011 में हो गया था. वर्तमान में उनके घर पर पिता हैं, पत्नी है. उनकी 5 बहने थीं जिनकी शादी हो चुकी है. गिरिराज ने बताया कि वह मूल रूप से दतिया जिले के सीतापुर गांव के रहने वाले हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए 12वीं करने के बाद जेल प्रहरी की नौकरी शुरू कर दी थी ताकि परिवार की आर्थिक मदद कर सके. इसके बाद कांस्टेबल की नौकरी से आर्थिक स्थिति पहले से थोड़ी बेहतर हुई और पिताजी के साथ मिलकर उन्होंने बहनों की शादी करवाई. 

ऐसे की MPPSC की तैयारी
गिरिराज ने बताया कि उन्होंने साल 2019 से MPPSC की तैयारी शुरू की. उनकी जॉब की टाइमिंग सुबह 10 से 6 बजे तक होती है. इसलिए वो सुबह ऑफिस जाने से पहले 2 घंटे पढ़ाई करते थे. इसके बाद लंच टाइम में थोड़ा बहुत पढ़ते थे और शाम को घर आने के बाद करीब 4 से 5 घंटे तक पढ़ाई करते थे. गिरिराज ने बताया कि उन्होंने इसके लिए कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की लेकिन इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने एक सीनियर की मदद ली.

रोज 7-8 घंटे के पढ़ाई जरूरी
गिरिराज ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा अगर ध्यान भटकाए बिना अगर रोज 7-8 घंटे पढ़ते हैं तो कुछ प्रयासों के बाद वह परीक्षा पास कर सकते हैं लेकिन उन्हे इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर पहली बार में वह सफल नहीं होते हैं तो हिम्मत नहीं खोना है.

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-रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट