भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Delhi) दिल्ली के छात्रों ने ड्रोन के क्षेत्र में नए अविष्कार के साथ बड़ा कारनामा कर दिखाया है. आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो ड्रोन के साथ अटैच होगा. उस सॉफ्टवेयर की मदद से ड्रोन को कहीं भी उड़ाया या भेजा जा सकता है. इस तकनीक में किसी को ड्रोन को ऑपरेट करने को जरूरत नहीं होगी.
अब तक केवल तीन देशों के पास थी ये तकनीक
जानकारी के मुताबिक ड्रोन में बस जगह और लोकेशन फीड करनी होगी. आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने इसके जरिये एक लाइटिंग शो दिखाया. इसमें पहली बार सौ से ज्यादा ड्रोन को एक साथ उड़ाया गया. सौ से ज्यादा ड्रोन ने हवा में लाइटिंग के जरिये अलग ही नजारा पेश किया. इस नई टेक्निक से सिविल एविएशन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) भी काफी खुश है. ये तकनीक अब तक केवल तीन देशों के पास थी अमेरिका, चीन और रूस.
'नई पीढ़ी अब ड्रोन की अहमियत को समझ रही है'
आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के छात्रों की इस उपलब्धि के साथ ही भारत अब चौथा देश बन गया है, जो इस तकनीक का उपयोग कर सकता है और सॉफ्टवेयर के माध्यम से सौ या पांच सौ ड्रोन एक साथ उड़ा सकता है. सिविल एविएशन मंत्रालय के अधिकारी अंबर दुबे कहते हैं कि ये हमारे लिए बड़ी बात है कि नई पीढ़ी अब ड्रोन की अहमियत को समझ रही है.ये हमारी कमियां रहीं कि हम अब तक ड्रोन को लेकर नए फैसले लेने से बचते थे पर अब सरकार ने नई सोच के साथ बड़े बदलाव किए हैं.
कहा जा रहा है कि इस नई टेक्नोलॉजी से भविष्य में ड्रोन को लेकर भारत में बेहतर विकल्प मिलने की उम्मीद है. भारत में ड्रोन का निर्माण भी हो सकता है. गौरतलब है कि सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक ड्रोन के बाजार को करीब 3000 करोड़ तक ले जाने का है.