जो टूरिस्ट अमेरिका जाना चाहते हैं उनके लिए गुड न्यूज है. अब वो यात्री जिन्होंने कोवैक्सीन (Covaxin) टीका लगवाया है, वह भी बिना रोक टोक एंट्री कर सकेंगे. यात्रियों को 8 नवंबर से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए हरी बत्ती दी गई है. बता दें, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को इमरजेंसी यूज अप्रूवल (EUL) दिया है. इस वैक्सीन को फार्मा कंपनी भारत बायोटेक (Bharat-Biotech) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर बनाया है.
कोवैक्सिन के लिए अप्रूव्ड ट्रेवल लिस्ट (Approved Travel List) को अपडेट करने पर एएनआई से बात करते हुए, सीडीसी के प्रेस अधिकारी, स्कॉट पॉली ने कहा, "सीडीसी की ट्रेवल गाइडेंस एफडीए (FDA) द्वारा अप्रूव्ड या ऑथॉराइज और डब्ल्यूएचओ इमरजेंसी यूज लिस्टिंग वैक्सीन पर लागू होती है. इसमें कोई भी नया टीका शामिल होता है, ये वो टीका है जिसे उस लिस्ट में जोड़ा जा सकता है.”
अमेरिका का नया ट्रेवल सिस्टम
दरअसल, अमेरिका द्वारा अपना नया ट्रेवल सिस्टम लगभग एक हफ्ते पहले लाया गया है. इसमें उन यात्रियों को प्रवेश दिया गया है जिनकी वैक्सीन को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) या डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन मंजूरी दी है. अब इसमें भारतीय टीके कोवैक्सीन को भी ऐड कर दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दिया है. और इसी में आगे बढ़ते हुए अब यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने भी इसे अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया है.
कोवैक्सीन को WHO की मंजूरी
डब्ल्यूएचओ ने अपने एक ट्वीट में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा बुलाये गए टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ने यह निर्धारित किया है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन, कोरोना वायरस से बचाव के लिए डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करती है.
WHO ने ट्वीट में कहा, "WHO ने कोवैक्सीन (भारत बायोटेक द्वारा विकसित) को इमरजेंसी यूज अप्रूवल (EUL) प्रदान कर दिया है, जिसे कोविड-19 की रोकथाम के लिए WHO द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों के बढ़ते पोर्टफोलियो को जोड़ दिया गया है."
कौन कर सकेंगे ट्रेवल?
नए यूएस ट्रेवल रूल के अनुसार, उन सभी यात्रियों को अमेरिका में प्रवेश दिया जायेगा जिन्होंने फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) , जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson), मॉडर्न (Moderna), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca), कोविशील्ड (Covishield), सिनोफार्म और सिनोवैक (Sinopharm and Sinovac) वैक्सीन लगवाई हुई है.
कोवैक्सीन को मिलेगी वैश्विक मान्यता
आपको बताते चलें कि विश्व स्वथ्य संगठन के अप्रूवल के बाद अब कोवैक्सिन को अन्य देश भी मान्यता देंगे. जिन लोगों ने कोवैक्सिन लगवाई है उन्हें अब सेल्फ क्वारंटाइन नहीं रहना पड़ेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अप्रूवल के पहले ही दुनिया के करीब 15 देशों ने कोवैक्सिन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी. इसके अलावा अभी 50 अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है. लेकिन अब डब्लूएचओ के अप्रूवल के बाद कोवैक्सिन को वैश्विक मान्यता मिल चुकी है और भारत को अब अलग-अलग देशों के साथ बातचीत नहीं करनी होगी.
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