यूपीपीसीएस 2023 के फाइनल नतीजे में हरदोई पुलिस में तैनात आरक्षी दीपक सिंह अब डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं. दीपक ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. हरदोई पुलिस अधीक्षक के आवास पर टेलीफोन ड्यूटी में तैनात दीपक सिंह ने पीसीएस परीक्षा में प्रदेश में 20वीं रैंक हासिल की है.
प्रशासनिक सेवा में जाने का था लक्ष्य
हरदोई पुलिस में तैनात आरक्षी दीपक सिंह मूलरूप से जनपद बाराबंकी के सेमराया गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने पीसीएस की परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद पा लिया है. दीपक ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस में नियुक्ति पाई थी और उनकी पहली पोस्टिंग हरदोई में ही हुई थी तब से ये यहीं पुलिस विभाग में सेवाएं दे रहे हैं.
किसान पिता के बेटे दीपक पांच भाई बहन हैं और उनकी प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी जिले के महारानी लक्ष्मीबाई इंटर कालेज में हुई जहां से उन्होंने इंटर तक पढ़ाई की. हाईस्कूल और इंटर फर्स्ट डिवीजन पास करने के बाद दीपक ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीए पास किया, जिसके बाद 2018 में उनका चयन यूपी पुलिस में हुआ. लेकिन दीपक ने प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य बना रखा था जिसके बाद पुलिस में रहते हुए ड्यूटी के बाद के बचे समय में वो पढ़ाई करते रहे और 2023 की परीक्षा में उन्हें सफलता मिल गई. दीपक सिंह की इस कामयाबी पर उनके सहयोगियों से उनको बधाइयां मिलने लगीं. वहीं पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों ने भी उन्हें बधाई दी है.
माता-पिता को दिया श्रेय
दीपक सिंह बताते हैं कि उनके इस कठिन परीक्षा को पास कर अधिकारी बनने के सफर तक में वह ईश्वर के साथ माता-पिता अच्छे दोस्तों और परिवार को श्रेय देते हैं जिन्होंने कहीं ना कहीं किसी ना किसी मोड़ पर उनके इस मुकाम को हासिल करने में मदद की. दीपक का कहना है कि पुलिस में नौकरी के साथ पीसीएस की पढ़ाई के लिए उन्हें सिर्फ 4 से 5 घंटे ही मिला करते थे जिसमें वह किराए के 10 X 10 के कमरे में रहकर पढ़ाई किया करते थे. साथ पुलिस लाइन में बनी लाइब्रेरी में भी जाकर जी तोड़ मेहनत से पढ़ाई करते थे और अंत मे उन्होंने अपने लक्ष्य को पा ही लिया.
ऐसे पाई 20वीं रैंक
दीपक सिंह कहते हैं, 'मैं उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद पर तैनात हूं. 2018 से मैं आरक्षी पद पर हूं. मंगलवार को जब रिजल्ट आया तो सबसे ज्यादा खुश मेरे साथ के लोग थे. उत्तर प्रदेश कांस्टेबल से लेकर डिप्टी कलेक्टर बनने का सफर शानदार रहा है. सभी ने मुझे मोटिवेट किया कि आप आगे बढ़ सकते हैं. पुलिस विभाग में थोड़ा टाइम कम रहता है कि आपको दिन भर खड़ा होना पड़ता है. मैंने नियमित रूप से छह घंटे पढ़ाई की है. मेरे गुरुजनों का भी सहयोग रहा है. युवाओं से मैं यही कहूंगा कि आप बड़े सपने देखें. आप अपने सपने को 24 घंटे जियें और कोशिश करिए उसे पूरा करने की. मुझे 5-6 घंटे समय मिलता था.'
दीपक ने कहा - 'मैं सामान्य परिवार से आता हूं लेकिन अब मेरे घर में सबसे अच्छी चीज थी कि मेरे माता-पिता ने शिक्षा का महत्व समझा. मेरे पिताजी हाई स्कूल पास हैं और मेरी माता जी भी पांचवीं क्लास तक पढ़ी हैं. मेरी पोस्टिंग हरदोई जिले में हुई तो यह लाइब्रेरी डेढ़ साल पहले हरदोई जिले में बनी है. तो यह कहीं ना कहीं हम लोगों के लिए आशीर्वाद था क्योंकि उस समय के एसपी राजेश द्विवेदी और सीओ विकास जायसवाल जी ने लाइब्रेरी को बनवाया ताकि पुलिस विभाग के लोग यहां आकर पढ़ सकें.
- प्रशांत पाठक की रिपोर्ट