भारत सरकार जल्द ही कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे से जोड़ेगी. कश्मीर घाटी तक रेल पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने तैयारियां भी शुरु कर दी है. जम्मू से बारामूला तक 326 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन बिछाने की योजना बनाई थी. जिसमें अभी तक 215 किलोमीटर रेलमार्ग का काम पूरा हो चुका है. इन मार्गों पर रेलगाड़ियां भी चलनी शुरू हो गयी हैं. कटड़ा-बनिहाल रेल सेक्शन (111) इस योजना का बचा हुआ हिस्सा है. हालांकि ये रास्ता हिमालयी भू-भाग में पड़ता है और इस रास्ते में पड़ने वाली सड़कें कच्ची होने की वजह से यहां पर पुल बनाए जा रहे हैं.
पुल की नींव पड़ना इस परियोजना का बेहतरीन काम
भारतीय रेलवे ने रियासी में बन रहे पुल नंबर 39 में गार्डर (फाउंडेशन) लगाने का काम पूरा कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. असल में दो लाइनों और प्लेटफार्मों वाला रियासी स्टेशन यार्ड इसी पुल पर बनेगा. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, श्री आशुतोष गंगल ने बताया कि पुल नंबर 39 कटड़ा-रियासी के पास है. रियासी यार्ड स्टेशन का नक्शा ऊँचा, आयताकार और पतले खोखले खम्भों की तर्ज पर बनेगा, इस तरह इस यार्ड स्टेशन का नक्शा एक तरह का इंजीनियरिंग चमत्कार होगा. इसके निर्माण पर लगभग 7 हज़ार मिलियन टन रि-इन्फोर्समेंट स्टील और 6700 मिलियन टन स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल किया गया है पुल की नींव पड़ने से इस रेल परियोजना के लिए यह मील का पत्थर जैसा है.
आपको बता दे कि इस रेलवे पुल की लंबाई 490 मीटर है. यह पुल 105 मीटर ऊंचे कंक्रीट के खंभे पर स्थित है. इस पुल के कुल 8 स्पैन हैं. पुल पर रियासी स्टेशन यार्ड (मेन लाईन, लूपलाइन और दोनों ओर प्लेटफॉर्म) बनाया जाएगा.
जिला रियासी में बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
हिमालयी क्षेत्र में दुर्गम इलाकों की वजह से कई बार रेलवे को काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अब जिस तादाद में पुल बनाए जा रहे हैं, और जिस तरह के नक्शे पर काम किया जा रहा है उससे ये साफ होता है कि इस तरह की कामयाब परख भविष्य में उम्मीद के साथ हौसला भी देते हैं . आपको बता दें कि इसी रेल सेक्शन में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी बनाया जा रहा है, जो जिला रियासी में ही बन रहा है.