भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है, क्योंकि भारत सरकार थल सेना के लिए सरकारी क्षेत्र के उपक्रम हैवी वेहिकल्स फैक्ट्री (एचवीएफ) से नई क्षमताओं से लैस 118 मुख्य युद्धक टैंक अजुर्न एके-1ए खरीदेगी. चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इस खरीद को अहम बताया जा रहा है. 7,523 करोड़ रुपये की लागत से हैवी व्हीकल फैक्ट्री अर्जुन मार्क-1ए की 118 यूनिट का निर्माण करेगी.
भारतीय सेना को मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक
बताया जा रहा है कि यह टैंक दिन और रात दोनों समय में सटीक लक्ष्य लगा सकता है. साथ ही सभी इलाकों में आराम से जा सकता है. इसने कुछ नए टेक्नोलॉजी को भी ऐड किया गया है. ये सटीक और बेहतर मारक क्षमता से लैस है. इसे डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है. यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी.
पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तैनात होंगे ये टैंक
एमबीटी अर्जुन एमके -1A को आवश्यकता के अनुसार बदलाव करने में सिर्फ दो साल लगे. अर्जुन एमके-1A को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जुन टैंक के इस नए वैरियंट को भारतीय सेना को सौंपा था. अर्जुन टैंक के इस नए दस्ते को पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तैनात करन की योजना है.
भारतीय थल सेना को मिलेगी मजबूती
इन टैंकों के मिलने के बाद भारतीय सेना जमीन पर पहले से और ज्यादा मजबूत हो जाएगी. इस टैंक के डिजाइन को डीआरडीओ ने तैयार और विकसित भी किया है.