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2022 में अमेरिका और चीन से भी ज्यादा तेजी से ग्रो करेगी भारत की इकोनॉमी, गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

2020 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के बाद, गोल्डमैन सैक्स ने  2021 में अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत और 2022 में 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन 2021 में 5.2 प्रतिशत  से बढ़कर 2022 में 5.8 प्रतिशत हो जाएगी. इस अनुमान के मुताबिक खपत और निवेश 2022 में विकास के प्रमुख चालक होंगे.

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हाइलाइट्स
  • तेजी से हो रहे टीकाकरण की वजह से खुल रही है अर्थव्यवस्था

  • बैंकिंग प्रणाली की लिक्विडिटी समय के साथ होती जाएगी सख्त

  • आईएमएफ के अनुसार 9.5 प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर

ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी गोल्डमैन सैक्स की नई रिपोर्ट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए गुड न्यूज लेकर आई है. दरअसल गोल्डमैन सैक्स की हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसके अनुसार अगले साल भारत की अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था से भी तेजी से बढ़ेगी. वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज गोल्डमैन सैक्स ने 23 नवंबर को 2022 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि गोल्डमैन सैक्स के हिसाब से चीन के लिए यह दर 2021 में 7.8 प्रतिशत और 2022 में 4.8 प्रतिशत होगी. वहीं समान अवधि के लिए अमेरिका की जीडीपी वृद्धि दर इन दोनों देशों से काम रहने का अनुमान है.

तेजी से हो रहे टीकाकरण की वजह से खुल रही है अर्थव्यवस्था

2020 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के बाद, गोल्डमैन सैक्स ने  2021 में अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत और 2022 में 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन 2021 में 5.2 प्रतिशत  से बढ़कर 2022 में 5.8 प्रतिशत हो जाएगी. इस अनुमान के मुताबिक खपत और निवेश 2022 में विकास के प्रमुख चालक होंगे. गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में लिखा गया है, "हमें उम्मीद है कि 2022 में विकास में खपत का योगदान महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि कोविड केसेस में आ रही कमी और तेजी से हो रहे टीकाकरण की वजह से अर्थव्यवस्था फिर से पूरी तरह से खुल गई है."

बैंकिंग प्रणाली की लिक्विडिटी समय के साथ होती जाएगी सख्त

गोल्डमैन सैक्स के भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा, "तेल की ऊंची कीमतों और घरेलू मांग में सुधार को देखते हुए, चालू खाता खुल जाएगा और हमारे अनुमान के अनुसार घाटा जीडीपी के 0.9 प्रतिशत से बढ़कर जीडीपी के 1.5 प्रतिशत हो जाएगा." उन्होंने आगे कहा, "भारत ने लिक्विडिटी को कम करने के मामले में बहुत कुछ किया है, बैंकिंग प्रणाली की लिक्विडिटी को पूरे कोविड अवधि में सरप्लस में रखते हुए, सरकार ने  रिवर्स रेपो दर में कटौती भी की थी. इसलिए, अब आप जो देख रहे हैं वह उस लिक्विडिटी  में कमी का उलट है. इसलिए, बैंकिंग प्रणाली की लिक्विडिटी समय के साथ सख्त होती जाएगी”.

आईएमएफ के अनुसार 9.5 प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर 

गोल्डमैन सैक्स से पहले आईएमएफ ने भी वर्ष 2021-22 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ दर के 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. इसके बाद आईएमएफ ने इसे बढ़ाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया था. वहीं देश के सबसे बड़े बैंक SBI के अनुसार 2021-22 में  भारत की अर्थव्यवस्था के 9.3 प्रतिशत से 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की आशंका है.