

कहते हैं कि हुनर उम्र का मोहताज नहीं होता और इसे सच कर दिखाया है 9 साल के नन्हे गणितज्ञ कृतिन ने. इस उम्र में बच्चे खुद स्कूल में पढ़ते हैं वहीं कृतिन पिछले 4 सालों से स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पढ़ा रहे हैं. उनका मिशन है बच्चों के मन से गणित का डर निकालना. नन्हे कृतिन को हर चीज़ में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का जुनून है.
9 साल के कृतिन 12वीं के छात्रों को पढ़ाते हैं
गणित को लेकर बच्चों में अक्सर डर देखा जाता है लेकिन 9 साल के कृतिन ने इसे चुनौती के रूप में लिया है. चार साल की उम्र से ही उन्हें गणित में गहरी रुचि थी और अब वे स्कूल और कॉलेजों में 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाते हैं. उनका मानना है कि गणित सिर्फ एक विषय नहीं बल्कि एक मजेदार पहेली है जिसे हल करना आना चाहिए. कृतिन के पढ़ाने का अंदाज इतना दिलचस्प है कि बच्चे अब गणित से डरने के बजाय इसे एंजॉय करने लगे हैं. उनके अनोखे तरीकों से बच्चे आसानी से कठिन से कठिन सवाल हल कर लेते हैं.
माता-पिता को कृतिन पर गर्व
कृतिन की इस अनोखी प्रतिभा को देखकर उनके माता-पिता भी गर्व महसूस करते हैं. वे कहते हैं कि शुरुआत में वे खुद हैरान थे लेकिन अब वे कृतिन के मिशन में उनका पूरा साथ दे रहे हैं. नन्हे कृतिन थोड़े नटखट हैं. और क्लास को अपना प्लेग्राउंड और मैथ्स के प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने को ही अपना खेल चुन लिया है. 9 साल के कृतिन मानते हैं कि वो अब बड़े हो चुके हैं. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्यूंकि बड़े कार्यक्रमों में उन्हें as a chief guest बुलाया जाता है. कृतिन अपने फैंस को ऑटोग्राफ भी देते हैं.
Curiosity, Confidence, Concentration होना सबसे जरूरी
कृतिन ने यह साबित कर दिया है कि हुनर किसी उम्र का मोहताज नहीं होता..उनके इस मिशन से बहुत से बच्चों को फायदा मिल रहा है और गणित का डर दूर हो रहा है. कृतिन जैसे नन्हे मास्टर से हमें सीखने की जरूरत है कि अगर हौसला और जुनून हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखता और साथ ही लाइफ मे उनके बताए तीन C यानी curiosity, confidence, concentration का होना सबसे ज़्यादा जरूरी है.