2021 से मई 2024 के बीच हुए साइबर फ्रॉड की महाराष्ट्र पुलिस साइबर सेल जांच कर रही है. इस दरमियान करीब 2379.51 करोड़ रुपए के साइबर फ्रॉड केस दर्ज किए गए हैं.
पीटीआई के हवाले के खबर है कि मामलों की जांच करते हुए पुलिस ने 222.29 करोड़ रुपए का फ्रॉड होने से बचा लिया है. साइबर सेल के अधिकारी ने कहा कि 1930 हेल्पलाइन नंबर की मदद से यह संभव हो पाया. सोमवार को यह जानकारी साझा की गई.
कैसे कर पाई हेल्पलाइन मदद?
हेल्पलाइन नंबर 1930 की 23 लाइन हैं. जिनपर 110 कर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं. अधिकारी ने बताया दिन में करीब 2500-3000 कॉल को अडेंट किया गया. जिसमें लोग उनके साथ हुए साइबर फ्रॉड की जानकारी देते हैं.
10 अधिकारियों को विशेष तौर पर शिकायतों का फॉलो-अप लेने और बैंक व कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है. जिससे प्राप्त होने वाली शिकायतों का निवारण किया जा सके.
MH Dial 1930 Project
इस प्रोजेक्ट के तहत साइबर फ्रॉड से लड़ने के लिए अव्वल दर्जे के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया है. जिससे कि ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली तकनीक को पकड़ा जा सके. साथ ही इसके पीछे बैठे चेहरों को उजागर किया जा सके.
इस प्रोजेक्ट में क्लॉडल टेलीफोनिक सर्वर का इस्तेमाल किया गया है. इस सर्वर की मदद से ज्यादा से ज्यादा कॉल्स को अटेंड कर सकते हैं. इसकी मदद से समय रहते लोगों की शिकायत को दर्ज किया जा सकता है. साथ ही होने वाले साइबर फ्रॉड की संभवना को घटा सकते हैं.