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Maharashtra के इस गांव में विकास ने पकड़ी रॉकेट सी रफ्तार, एक दिन में बनकर तैयार हो गया पुलिस स्टेशन, नक्सलियों के चंगुल से निकलने की है कोशिश

गढ़चिरौली पुलिस बल के 04 अधिकारी और 41 अधीन अधिकारी, एसआरपीएफ समूह 11, नवी मुंबई के 02 प्लाटून भी पुलिस स्टेशन की सुरक्षा के लिए तैनात किए जा रहे हैं. क्षेत्र से नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए बनाए गए इस पुलिस स्टेशन की खास बात यह है कि इसे तैयार करने में स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका निभाई है.

पुलिस स्टेशन कावंडे पुलिस स्टेशन कावंडे
हाइलाइट्स
  • छत्तीसगढ़ से 100 मीटर दूर है कवंडे गांव

  • नक्सलियों का प्रभाव खत्म करने की है कोशिश

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के नक्सल प्रभावित कवंडे गांव में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने महज 24 घंटे के भीतर नया पुलिस स्टेशन तैयार किया है. इस काम में स्थानीय लोगों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह पुलिस स्टेशन छत्तीसगढ़ सीमा से महज 100 मीटर दूर स्थित है. यह गांव कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था लेकिन अब इस इलाके के लोग नक्सलियों के आतंक से मुक्त हो चुके हैं. 

पुलिस, सुरक्षाकर्मियों की मेहनत आई काम
महाराष्ट्र पुलिस की सी 60 कमांडो, बम निरोधक दस्ते की टीम और 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने मिलकर इस पुलिस स्टेशन का निर्माण किया है. इसके साथ ही इलाके से नक्सलियों के वजूद के तौर पर मौजूद स्मारक को भी मिटाने की कवायद शुरू कर दी गई है. पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल का कहना है कि अगले कुछ महीनों में ही छत्तीसगढ़ सीमा पर बसे महाराष्ट्र के कवंडे गांव की तस्वीर बदल जाएगी. 

स्थानीय लोगों की रही भागीदारी
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों ने भी इस पुलिस स्टेशन के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर उन्होंने इस कार्य को सफल बनाया है. यह इस क्षेत्र में तैयार किए गए तीन आउटपोस्ट में से एक है. इस पुलिस स्टेशन के साथ-साथ अब गांव के सर्वांगीण विकास पर भी काम हो रहा है.

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स्थानीय लोगों ने पुलिस स्टेशन को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई.
स्थानीय लोगों ने पुलिस स्टेशन को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई.
पुलिस ने मदद के लिए स्थानीय लोगों की सराहना की.
पुलिस ने मदद के लिए स्थानीय लोगों की सराहना की.

कवंडे गांव के सर्वांगीण विकास की कोशिश
पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि गांव में पुलिस स्टेशन बनाने से पहले दो दिन में सड़क का काम पूरा किया गया. उसके बाद एक दिन में पुलिस स्टेशन बना दिया गया. क्योंकि यह गांव जिले के दुर्गम इलाके में पड़ता है इसलिए यहां अब पुलिस स्टेशन निर्माण के साथ-साथ सड़क, बिजली, पानी समेत ग्रामीणों की तमाम जरूरतों को भी पूरा करने की योजना बनाई जा रही है. जिले के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल का मानना है कि अगले छह महीनों में इस इलाके का पूरा नक्शा बदल जाएगा और सर्वांगीण विकास होता हुआ दिखेगा. 

नक्सलियों का प्रभाव समाप्त करने की कोशिश
महाराष्ट्र के कुछ जिलों में नक्सलियों की अब भी अच्छी खासी पैठ है. प्रशासन की कोशिश यही है कि उन क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और लोगों को नक्सलियों के प्रभाव से मुक्ति दिलाई जाए. कवंडे पुलिस स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए इसमें वाईफाई सुविधा दी जा रही है. इसमें 16 पोर्टा केबिन, जनरेटर शेड, पीने के पानी के लिए आरओ प्लांट, मोबाइल टावर, शौचालय सुविधा, पोस्ट सुरक्षा के लिए मैक दीवार, बीपी मोर्चा, 08 रेत मोर्चा आदि का निर्माण किया जा रहा है. 

इसके अलावा, गढ़चिरौली पुलिस बल के 04 अधिकारी और 41 अधीन अधिकारी, एसआरपीएफ समूह 11, नवी मुंबई के 02 प्लाटून भी पुलिस स्टेशन की सुरक्षा के लिए तैनात किए जा रहे हैं. 37 सी.आर.पी.एफ. सी कंपनी के 01 सहायक कमांडेंट और 69 अधिकारी, स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के 08 दस्ते (200 कमांडो) और क्यूएटी सीआरपीएफ के 02 दस्ते (50 कमांडो) तैनात किए गए हैं. 


(महाराष्ट्र से व्येंकटेश दुडमवार की रिपोर्ट)