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दिल्ली सरकार की इस मुहिम से दिल्ली के भिखारियों को अब मिलेगा रोजगार

इसके लिए दिल्ली सरकार ने तीन महीने का रिहैबिलेशन प्रोग्राम भी लॉन्च किया है. ट्रेनिंग के दौरान सभी ट्रेनी को 100 रूपए प्रति दिन के हिसाब से दिए जाएंगे. ट्रेनिंग देने के बाद सरकार सभी ट्रेनी को नौकरी दिलाने में भी मदद करेगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • दिल्ली सरकार ने भिखारियों के लिए शुरू की मुहीम

  • अब भिखारियों को मिलेगा रोजगार

दिल्ली की सड़कों पर रह रहे भिखारियों के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक मुहिम चलाई है. जिससे इन भिखारियों की जिंदगी में एक नया सवेरा आ जाएगा. दिल्ली सरकार 25 भिखारियों के दो बैच बनाएगी और हर बैच को जॉब के लिए ट्रेनिंग देगी, इस ट्रेनिंग में दिवार की पेंटिग और कई अलग तरह के अनस्किल्ड कामों को सिखाया जाएगा.

ट्रेनिंग लेने वाले सभी भिखारियों को मिलेंगे 100 रुपए

इसके लिए दिल्ली सरकार ने तीन महीने का रिहैबिलेशन प्रोग्राम भी लॉन्च किया है. ट्रेनिंग के दौरान सभी ट्रेनी को 100 रूपए प्रति दिन के हिसाब से दिए जाएंगे. ट्रेनिंग देने के बाद सरकार सभी ट्रेनी को नौकरी दिलाने में भी मदद करेगी. हाल ही में हुए एक सर्वे में पहचाने गए 20,719 भिखारियों में से 53 प्रतिशत पुरुष और 46 प्रतिशत महिलाएं, 1 प्रतिशत ट्रांसजेंडर पहचाने गए, जो 11 अलग-अलग जिलों से हैं. भिखारियों की सबसे ज्यादा संख्या पूर्वी दिल्ली (2,797) में पाई गई. 

इस ट्रेनिंग का मकसद भिखारियों को नौकरी दिलाना 

सोशल वेलफेयर मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम के मुताबिक इस योजना का मकसद भिखारियों को ट्रेनिंग देने के बाद उनको रोजगार दिलाना है, इसके लिए  पायलट प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया गया है.

महिला भिखारियों के लिए चलाई जाएगी अलग स्कीम

महिला भिखारियों के लिए स्वयं सहायता ग्रुप और कई दूसरी स्कीम पर भी काम किया जाएगा. इसके अलावा चाइल्डलाइन की मदद से 4,871 बाल भिखारियों को छुड़ाने, उन्हें राज्यों की बाल कल्याण समितियों को रेफर करने और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति की योजना बनाई जा रही है.