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बच्चे ने रिफिल, सीडी, कैमरा से बनाया ड्रोन, स्कूल में फहराया तिरंगा

केरल के नीरकुन्नम के रहने वाले 14 साल के मोहम्मद इंसाफ ने स्क्रैप से ड्रोन बनाया है. उन्होंने रिफिल, सीडी जैसी चीजों से ड्रोन बनाया और स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने इस ड्रोन से तिरंगा लहराया.

ड्रोन (प्रतीकात्मक तस्वीर) ड्रोन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • यूट्यूब से देखकर लिया प्रशिक्षण

  • छोटी उम्र से ही हैं इलेक्ट्रॉनिक्स के शौकीन

जिन लोगों में जज्बे की कमी नहीं होती, वो जिंदगी में जरूर कुछ बड़ा करके रहते हैं. कुछ ऐसा ही है मुहम्मद इंसाफ के साथ. तीन बार असफल होने के बाद भी मुहम्मद इंसाफ हार मानने को तैयार नहीं था. 14 साल के इस बच्चे ने 15 अगस्त को अपने स्कूल में स्क्रैप सामग्री और एक मोबाइल फोन कैमरे का उपयोग करके बनाए गए ड्रोन का उपयोग करके गर्व से तिरंगा फहराया. मोहम्मद इंसाफ के पिता एम ए अंसिल बताते हैं कि, "जब मैं चार साल पहले एक बिजनेस के सिलसिले से चीन गया था, तो वहां से इंसाफ के लिए एक छोटा सा ड्रोन लाया था, तब इसके दिमाग में ड्रोन बनाने का जुनून बढ़ गया है.

कई प्रयास हुए थे विफल
ऐसा नहीं है कि एक ही प्रयास में केरल के रहने वाले इंसाफ के लिए ये सब इतना आसान था. उनके पिता बताते हैं, "चार या पांच उड़ानों के बाद यह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन उसमें जुनून बढ़ गया. फिर उसने एक पर लगकर काम करना शुरू किया, ये ड्रोन भी बनाने के वक्त तीन बार क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन वह हार मानने के मूड में नहीं थे. अंत में, उसने एक ड्रोन बनाया जो 30 मीटर ऊंचाई पर 600 मीटर उड़ सकता है. स्वतंत्रता दिवस पर उसके स्कूल के शिक्षकों ने उसे स्कूल में  तिरंगा फहराने के लिए कहा और उसने गर्व से ऐसा किया.

यूट्यूब से देखकर लिया प्रशिक्षण
इंसाफ ने इसे बनाने में करीब 10,000 रुपये खर्च किए. वो बताते हैं, "मैंने यूट्यूब देखकर इसकी असेंबलिंग करना सीखा. प्लास्टिक की बोतलों के ढक्कन, एक पुरानी सीडी, एक पेन रिफिल और एक एल्युमीनियम की  रॉड से इसके कुछ कम्पोनेन्ट बनते हैं. उड़ान नियंत्रण उपकरण, ट्रांसमीटर, ओटीजी रिसीवर और कुछ अन्य उपकरण ऑनलाइन खरीदे गए थे. पिता ने मुझे 6,500 रुपये और बहन नौझा फातिमा ने अपना गुल्लक तोड़कर बचे हुए पैसे दिए."

छोटी उम्र से ही हैं इलेक्ट्रॉनिक्स के शौकीन
इंसाफ बताते हैं कि, "टिल्टिंग कैमरा भी ऑनलाइन खरीदा गया था. ड्रोन को एक जॉयस्टिक की मदद से नियंत्रित किया जाता है और इसके द्वारा कैप्चर किया गया वीडियो मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया जाता है, जो कैमरे से जुड़ा होता है." इंसाफ को काफी पहले से इस तरह की डिवाइस में दिलचस्पी थी. इंसाफ की मां सुल्फिया बताती हैं, "उसे छोटी उम्र से ही डिजिटल उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स का बहुत शौक था." सुल्फ़िया ने कहा, "यूट्यूब पर ड्रोन बनाने के निर्देशों का पालन करने के लिए उसने हिंदी भी सीखी है." वाकई अगर जुनून हो तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता है.