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उत्तर पूर्व भारत की एयर कनेक्टिविटी का हुआ विस्तार, 6 नए हवाई मार्गों की हुई शुरुआत

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “मिजोरम पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है. अपने पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र के लिए इस राज्य का अत्यधिक महत्व है. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को पंख देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि देश के सभी नागरिकों को हर राज्य की विशिष्टता का अनुभव हो.”

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हाइलाइट्स
  • ‘उड़ान’के तहत 60 हवाई अड्डे और 387 मार्ग किए गए हैं शुरू

  • कोविड महामारी काल के बाद कल सबसे ज्यादा लोगों ने की हवाई यात्रा 

  • तिरुपति-दिल्ली मार्ग पर कल ही शुरू हुई है पहली सीधी उड़ान

  • पर्यटकों के लिए सुगम हवाई विकल्प का खुला रास्ता

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, राजीव बंसल के साथ आज उत्तर-पूर्वी भारत के हवाई संपर्क का विस्तार करने वाले 6 मार्गों की शुरुआत की. इसी के साथ कोलकाता-गुवाहाटी, गुवाहाटी-आइजोल, आइजोल-शिलांग, शिलांग-आइजोल, आइजोल-गुवाहाटी और गुवाहाटी-कोलकाता मार्गों से आज से परिचालन शुरू हो गया. मिजोरम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. आर. ललथंगलियाना एवं पर्यटन मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे, राज्य सरकार के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे से इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

‘उड़ान’के तहत 60 हवाई अड्डे और 387 मार्ग किए गए हैं शुरू 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “मिजोरम पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है. अपने पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र के लिए इस राज्य का अत्यधिक महत्व है. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को पंख देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि देश के सभी नागरिकों को हर राज्य की विशिष्टता का अनुभव हो.” इसी के साथ उन्होंने राज्य मंत्री जनरल डॉ. वी के सिंह के साथ व्यक्तिगत रूप से बहुत जल्द मिजोरम का दौरा करने की भी बात कही. ‘उड़ान’ योजना के तहत, पहले ही 60 हवाई अड्डे और 387 मार्ग शुरू किए गए हैं. 100 मार्ग अकेले उत्तर पूर्व को आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 50 पहले से ही चालू हैं.

कोविड महामारी काल के बाद कल सबसे ज्यादा लोगों ने की हवाई यात्रा 

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानकारी दी कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से घरेलू हवाई यातायात कल यानी 17 अक्टूबर को अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा. उन्होंने बताया कि रविवार को भारत के भीतर कुल 3,27,923 यात्रियों ने 2,372 उड़ानों में यात्रा की. महामारी के आने से पहले, भारत में रोज औसतन 4.25 लाख यात्री घरेलू हवाई यात्रा करते थे. हाल ही में, केंद्र ने घोषणा भी की थी कि 18 अक्टूबर यानी आज से एयरलाइंस बिना किसी क्षमता प्रतिबंध के घरेलू उड़ानें संचालित कर सकती हैं.

तिरुपति-दिल्ली मार्ग पर कल ही शुरू हुई है पहली सीधी उड़ान

इन नई उड़ानों के साथ, गुवाहाटी, आइजोल और शिलांग के यात्रियों को देश के बाकी हिस्सों से आगे की कनेक्टिविटी के लिए कई विकल्प मिलेंगे. देश के सांस्कृतिक धरोहर वाले शहरों को देश की राजधानी से जोड़ने के क्रम में तिरुपति-दिल्ली मार्ग पर कल ही पहली सीधी उड़ान भी शुरू की गई है. इन मार्गों पर कनेक्टिविटी का विस्तार इन क्षेत्रों के निवासियों की लंबित मांग थी.

पर्यटकों के लिए सुगम हवाई विकल्प का खुला रास्ता

आज के फ्लाइट लॉन्च के बाद उत्तर पूर्व भारत के कई राज्य एक दूसरे से कनेक्ट हुए हैं. साथ ही उत्तर-पूर्व की हवाई कनेक्टिविटी का भी विस्तार हुआ है. ये राज्य अब तक उड़ानों के माध्यम से एक दूसरे से नहीं जुड़े थे. पूर्वी भारत की अद्भुत हरी-भरी घाटियां, पहाड़ी धाराएं, हरे भरे जंगल, विशाल चाय बागान, बर्फ से ढकी पर्वत चोटियां हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं. ये उड़ानें प्रकृति प्रेमियों, यात्रियों, पर्यटकों आदि के लिए सुगम हवाई विकल्प का रास्ता खोल देंगी.