दिल्ली सरकार के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम पढ़ाई जाएगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को देशभक्ति पाठ्यक्रम लॉन्च किया है. स्कूल पूरी तरह खुलने के बाद देशभक्ति पाठ्यक्रम कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक लागू किया जाएगा.
देशभक्ति पाठ्यक्रम के ज़रिए बच्चों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जाएगा. ये बताया जाएगा कि हर बच्चे की देश के प्रति क्या ड्यूटी है? बच्चों को अपने देश के प्रति जिम्मेदारी पूरी करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए तैयार किया जाएगा. देश के लिए मर-मिटने के लिए और अपना तन, मन और धन जरूरत पड़ने पर देश के लिए कुर्बान करने के लिए हर बच्चों को इस पाठ्यक्रम के जरिए स्कूलों में तैयार किया जाएगा.
पाठ्यक्रम की लॉन्चिंग पर क्या बोले अरविंद केजरीवाल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पाठ्यक्रम लॉन्च करते हुए कहा कि पिछले 74 साल में हमने अपने स्कूलों में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ तो पढ़ाए लेकिन बच्चों को देशभक्ति नहीं सिखाई.. मुझे खुशी है कि आज दिल्ली सरकार ने ये शुरुआत की है. देशभक्ति पाठ्यक्रम के माध्यम से अब दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को अपने देश से प्यार करना सिखाया जाएगा.
दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के मुताबिक :
1) नर्सरी से कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए हर दिन एक देशभक्ति पीरियड होगा, और कक्षा 9 से 12 के छात्रों के हर हफ़्ते में दो क्लास आयोजित होंगी.
2) देशभक्ति पीरियड की शुरुआत पांच मिनट के 'देशभक्ति ध्यान' से शुरू होगी, जहां शिक्षक और छात्र माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करेंगे और देश, स्वतंत्रता सेनानियों और किन्हीं पांच व्यक्तियों के प्रति आभार को रिफ्लेक्ट करेंगे, जिन्हें वे देशभक्त मानते हैं, और उनके सम्मान की शपथ भी लेंगे.
3) हर स्कूल में नर्सरी से कक्षा 5, कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 तक तीन देशभक्ति नोडल शिक्षक नियुक्त किए गए हैं.
4) राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा 29 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच सभी नोडल शिक्षकों के लिए एक ओरिएंटेशन भी आयोजित किया जाएगा.
देशभक्ति पाठ्यक्रम का स्वरूप बाल शिक्षाशास्त्र और आलोचनात्मक शिक्षाशास्त्र का मेल है. देशभक्ति पाठ्यक्रम के मुताबिक स्टूडेंट्स में गर्व की भावना पैदा करने के मकसद से एक भारतीय होने के गुण से मिलने वाली एकता, गर्व और अपनेपन की भावना को महत्व देना है. देश के इतिहास और संस्कृति का सम्मान करते हुए गर्व के साथ यह कहने में सक्षम होना कि "मैं एक भारतीय हूं" और देश पर गर्व करता हूं.
देशभक्ति पाठ्यक्रम में बच्चों को जिम्मेदारियों के लिए जागरूक किया जाएगा. पाठ्यक्रम में कहा गया है कि सभी सजीव प्राणियों के लिए प्यार, दया, सहानुभूति महसूस करना और पर्यावरण की देखभाल करना चाहिए. देशभक्ति पाठ्यक्रम का मकसद विद्यार्थियों के लिए यह सुनिश्चित करना है कि वो देश की छवि खराब करने वाली गतिविधियों से दूर रहें.
देशभक्ति पाठ्यक्रम के बारे में बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देशभक्ति पाठ्यक्रम में बच्चों को देश के प्रति गर्व करने के लिए प्रेरित करेंगे. इसमें रटने वाला कोर्स नहीं होगा, बल्कि यह गतिविधि वाला कोर्स होगा. इसमें बच्चों के अंदर देशभक्ति की और देश के प्रति गर्व करने की भावना भरी जाएगी. बच्चों को देश की गौरव गाथाएं और आजादी की गाथाएं सुनाई जाएंगी.
देशभक्ति पाठ्यक्रम के लॉन्चिंग के बारे में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि बच्चा जब स्कूल से वापस घर आए तो अभिभावक उनके साथ बैठ कर थोड़ी देर देश की चर्चा करना. उनसे पूछें कि आज देशभक्ति के अंदर क्या पढ़ाया गया है? इससे अभिभावकों को भी प्रेरणा मिलेगी और बच्चों के अंदर भी प्रेरणा जागेगी. यह देशभक्ति पाठ्यक्रम दिल्ली ने शुरू किया है, जल्द ही एक ऐसा समय आएगा, जब पूरे देश के अंदर सभी स्कूलों में देशभक्ति का यह पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा.
देश के प्रति क्या है बच्चों का कर्तव्य के बारे में बताया जाएगा
बता दें कि एससीईआरटी की गर्वनिंग काउंसिल ने बीते 6 अगस्त को देशभक्ति करिकुलम फ्रेमवर्क अपनाया था. इस फ्रेमवर्क के आधार पर टीचरों के कोर ग्रुप ने देशभक्ति पाठ्यक्रम को विकसित किया है. हालांकि अब देशभक्ति पाठ्यक्रम सभी स्कूलों में लागू करने के लिए तैयार है. अभी दिल्ली में 9वीं से 12वीं तक के ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि फिलहाल इन्हीं कक्षाओं में इस करिकुलम की पढ़ाई होगी. जब स्कूल सभी कक्षाओं के लिए खुल जाएंगे तब अन्य कक्षाओं में इसकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी.